वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्य):- धार्मिक दृष्टि से भी सूर्य ग्रहण विशेष महत्व रखता है.. जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो इस दौरान सूरज की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच नहीं पाती.. इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है.. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर, शनिवार के दिन लगने जा रहा है.. जिसकी शुरुआत रात 08 बजकर 34 मिनट से होगी.. वहीं, इसका समापन रात 02 बजकर 25 मिनट पर हो जाएगा..क्योंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा..14-15 अक्तूबर को पड़ने वाला साल का आखिरी सूर्यग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि यह सूर्य ग्रहण रात में लगेगा जिस कारण भारत में नहीं दिखाई देगा.. यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मैक्सिकों, अर्जेटीना, पेरू, क्यूबा, कोलांबिया और ब्राजील में देखा जा सकेगा..
धार्मिक नजरिए के लिहाज से ग्रहण की घटना को शुभ नहीं माना जाता है और ग्रहण के लगने से पहले ही सूतक काल मान्य होता है.. सूतक काल लगने पर किसी भी तरह का शुभ कार्य और पूजा-अनुष्ठान करना वर्जित होता है.. सूर्य ग्रहण लगने पर ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल मान्य होता है वहीं चंद्र ग्रहण लगने पर सूतक काल 9 घंटे पहले मान्य होता है.. चूंकि भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस दिन सामान्य दिनचर्या में कामकाज किया जा सकता है..
14 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण लगने के बाद साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगेगा.. यह चंद्र ग्रहण 28 अक्तूबर को पूर्णिमा तिथि पर लगेगा। यह चंद्र ग्रहण आंशिक चंद्रग्रहण होगा। जिसे भारत में देखा जा सकता है.. भारतीय समयानुसार 28 अक्तूबर की आधी रात 01बचकर 06 मिनट से 02 बजकर 22 मिनट तक चंद्रग्रहण लगेगा..
TEAM VOICE OF PANIPAT