वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- अनंतनाग में बुधवार 13 सितंबर को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए न्यू चंडीगढ़ के कर्नल मनप्रीत सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव भड़ौजियां में हुआ.. यहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें विदाई दी गई.. 7 साल के बेटे कबीर ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी.. वह सैनिक की वर्दी पहने था। आखिरी बार अपने पिता से उसने बस इतना ही कहा- पापा जय हिंद.. शहीद कर्नल की अंतिम यात्रा को घर से 200 मीटर की दूरी तय करने में 20 मिनट लगे.. पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित शहीद कर्नल मनप्रीत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे..
चंडीगढ़ से जब शहीद की पार्थिव देह भड़ौजियां लायी गई तो उनके घर के बाहर लोगों की भीड़ लग गई..कर्नल मनप्रीत की पत्नी उनके ताबूत पर सिर रखे रोती रहीं.. कर्नल की अंतिम यात्रा जिस रास्ते से गांव पहुंचनी थी, उसे गांव वालों ने खुद साफ किया.. पार्थिव देह घर पहुंचने पर लोगों ने फूल बरसाए.. शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की मां मनजीत कौर ने बताया कि वह अकसर टीवी पर जम्मू एवं कश्मीर की खबरें देखती थी.. जब से उनका बेटा जम्मू कश्मीर में तैनात हुआ था तो उन्हें लगता था कि किसी दिन वह टीवी पर उन्हें दिख जाएगा, लेकिन जिस दिन बेटे की खबरें टीवी पर चली, उस दिन वह किसी वजह से टीवी नहीं देख पाई.. टीवी पर अपने बेटे को देखने की ख्वाहिश उनकी अब हमेशा के लिए अधूरी रह गई है..
शहीद के छोटे भाई संदीप कुमार ने कहा की 2014 में जब से उनके पिता की मौत हुई है, तब से उनके बड़े भाई कर्नल मनप्रीत सिंह ने उन्हें किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आने दी.. भाई के साथ-साथ पिता का फर्ज भी निभाया है.. मुझे उनकी शहादत पर गर्व है, लेकिन उनकी कमी उसकी जिंदगी में हमेशा खलती रहेगी..
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