वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- अब पुलिस थाने में होने वाली मारपीट पर नजर रखेगी अब थर्ड आई। जी हां अब हरियाणा के अंदर पुलिस थानों या सीआईए के अंदर होने वाले अमानवीय कार्यों पर अब तीसरे नेत्र के माध्यम से पुलिस के आला अधिकारी तथा माननीय न्यायालयों की दृष्टि रहेगी। हरियाणा के अंदर सभी पुलिस थानों विशेषकर सीआईए जहां पर विभिन्न मामलों की पुलिस तफ्तीश विभिन्न दोषियों व संधिग्दो से होती हैं। अब ऐसी सब जगह सीसीटीवी कैमरा लगेंगे। माननीय सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार हरियाणा गृह विभाग को आदेश दिए गए हैं की पुलिस इन्वेस्टिगेशन होने वाले सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएं।
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान अपने निर्णय में यह लिखा है कि कुछ लोगों द्वारा यह कहा जाता है कि उनसे पुलिस में कथित रूप से मारपीट की। पुलिस की सब गतिविधियां सीसीटीवी कैमरा की नजर में रहे इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे आदेश पारित किए हैं। हरियाणा के अंदर अब 379 पुलिस थाना तथा 28 सीआईए थानों के अंदर तीसरा नेत्र यानी सीसीटीवी कैमरा पूरी दृष्टि रखेगा। माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2020 के अंदर एक मामले में सुनवाई करते हुए विभिन्न राज्यों की पुलिस को यह आदेश दिए गए की पुलिस पर मारपीट ए मानवीय व्यवहार ए जो आरोप लगते हैं इसके दृष्टिगत सभी जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
जानकारी के लिए खासकर जिन पुलिस थानों के अंदर पुलिस इन्वेस्टिगेशन की जाती है वहां पर सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य किया जाए। किसी भी पुलिस थाने के अंदर हॉस्टल 16 सीसीटीवी कैमरा लगेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा पुलिस विभाग के आला अधिकारियों ने इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन करते हुए एक प्रपोजल बनाकर गृह विभाग व गृह मंत्री हरियाणा को भेजी। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने विभाग की भेजी प्रपोजल जिसमें अनुमानित 99 करोड का बजट पूरे हरियाणा में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए प्रस्तावित किया गया है को स्वीकृति दी है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन एफ नरीमन की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सुनिस्चित करे किकरे कि हर पुलिस थाने में सीसीटीवी लगाए जाएं। और थाने का कोई भी एरिया सीसीटीवी के कवरेज से बाहर न रहे। सभी एंट्री और एग्जिट पर सीसीटीवी की नजर होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि मेन गेट के अलावा सभी लॉकअप में सीसीटीवी होने चाहिए। साथ ही सभी कोरिडोर, लॉबी, रिसेप्सन, इंस्पेक्टर के कमरे, सब इंस्पेक्टर के कमरे, ड्यूटी रूम और थाने के कैंपस भी सीसीटीवी के निगरानी में रहेगा। सीसीटीवी नाइट विजन वाला होना चाहिए और इसमें विडियो और ऑडिटो फूटेज हो। जहां भी देश भर में थाने में नेट और बिजली की उपलब्धता नहीं है वहां बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की होगी। बिजली के लिए सोलर और विंड इनर्जी की व्यवस्था की जाए। सीसीटीवी ऐसी हो को क्लियर विजन वाला हो और सीसीटीवी का डिजिटल विडियो रेकॉर्डर हो। सीसीटीवी का डाटा 18 महीने तक प्रिजर्व हो ऐसी व्यसव्था की जाए।
थाने के अलावा सीबीआई, एनआईए, ईडी, एनसीबी, डीआरआई, आदि में लगाया जाए। थाने में सीसीटीवी लगाए जाने के बारे में इंग्लिश और हिंदी के अलावा स्थानीय भाषा में जानकारी उपलब्ध हो कि सीसीटीवी के निगरानेी में हैं। ये बात साफ है कि आम आदमी को अधिकार है कि उसके मानवाधिकार की रक्षा हो। ह्यूमैन राइट्स के उल्लंघन के मामले में एनएचआरसी के अलावा ह्यूमैन राइट्स कोर्ट, अन्य संंबंधित अथॉरिटी और एसपी के सामने भी शिकायत हो सकती है। सीसीटीवी फूटेज छह महीने संरक्षित रखा जाए।
TEAM VOICE OF PANIPAT