वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- पंचकूला के सेक्टर आठ में बुधवार को आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर पूरी रात हाउसिंग बोर्ड चौंक पर ही प्रदर्शन किया। वर्कर ने रात भी वहीं पर ही गुजारी। सुबह नौ बजे पुलिस ने वर्कर को बसों में बैठाकर सेक्टर पांच के धरनास्थल पर पहुंचाया। आंगनबाड़ी वर्करों को मंत्री के साथ मीटिंग करवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद कुछ आंगनबाड़ी वर्कर पैदल भी धरना स्थल पर पहुंच गई। पुलिस ने हाउसिंग बोर्ड चौंक से बेरीकेड्स हटाकर रास्ता चालू करने की प्रकिया शुरू कर दी है। बतां दे कि अपनी मांगों को लेकर प्रदेश की आंगनबाडी कार्यकर्ता व हेल्पर ने पूरा दिन बुधवार को पंचकूला में सड़कों पर प्रदर्शन किया।
बुधवार रात दस बजे महिला बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने वर्कर यूनियन के प्रधान से बातचीत में कहा कि वीरवार को सीएम के साथ मीटिंग करवा दी जाएगी। इसलिए मंत्री ने कैंट में रहने की व्यवस्था की है। परंतु आंगनबाड़ी वर्करों व हेल्परों ने इंकार कर दिया। वर्कर ने कहा कि वे सड़क पर ही रात गुजारेगी। प्रधान ने कहा कि बीमार हो जाएगी। मुझे कोई दिक्कत नहीं है। इस पर वर्कर ने वहीं सड़क पर ही रात गुजारने का फैसला लिया। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
आंगनबाड़ी वर्करों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 02 अक्तूबर 1975 को सरकार ने समेकित बाल विकास विभाग का गठन किया और इस नींव को मजबूत करते हुए आंगनबाड़ी का नाम दिया। इन महिलाओं ने 46 साल में सरकार ने जो भी जिम्मेदारी सौंपी, उसे बड़े उत्साह से करके सरकार को दिखाया। गर्भवती महिलाओं व छोटे बच्चों, आप की बेटी हमारी बेटी के फार्म हड़ताल के कारण अधूरे पड़े हैं। सरकार वैसे तो महिलाओं का आदर करती है, लेकिन सरकार वर्कर व हेल्पर महिलाओं को महिला नहीं मानती। मांग पूरी तो दूर की बात सरकार बातचीत करने में भी गुरेज कर रही है। धरने के दौरान एक वर्कर व एक हेल्पर का निधन हो गया है। उनकी भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इन्हीं बातों को लेकर आंगनबाड़ी वर्कर द्वारा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई है।
TEAM VOICE OF PANIPAT