वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह)- नेशनल हाईवे पर चार घंटे तक हाईवोल्टेज सियासी ड्रामा होता रहा। पानीपत में भाजपा के नेता-कार्यकर्ता और कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए। भाजपाइयों की जिद थी कि वे कांग्रेस कार्यालय का घेराव करेंगे। कांग्रेसियों ने ठान लिया था कि अपना कार्यालय तो घेरने नहीं देंगे। इससे पहले कि दोनों की ओर से टकराव होता, पुलिस वहां पहुंच गई। दोनों से धरने, जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारों के बीच आम जनता जरूर फंस गई। जीटी रोड पर जाम की स्थिति बन गई। एक बात ये देखने को मिली की कांग्रेस के अलग-अलग गुट जरूर एकसाथ दिखाई दिए। बुल्ले शाह और संजय अग्रवाल एक ही कार्यक्रम में मौजूद थे। यहां तक की इसराना से कांग्रेस के विधायक बलबीर बाल्मीकि भी पहुंचे।
दरअसल, किसान आंदोलन के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बयान दिया था कि पंजाब को नुकसान न पहुंचाया जाए। हरियाणा में धरना दें। भाजपा ने इसका कड़ा विरोध जताया। ये भी कहा कि ये पूरा धरना कांग्रेस की ओर से संचालित है। सियासी रंग दिया जा रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने हरियाणा भर के कांग्रेस कार्यालयों पर धरना देने के लिए निर्देश जारी किए। पानीपत में शहर के विधायक प्रमोद विज और सांसद संजय भाटिया ने कमान संभाली। जीटी रोड पर पुल के नीचे सभा की गई। विज और भाटिया, दोनों ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
कांग्रेस मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। भाजपा के कुछ कार्यकर्ता लालबत्ती के साथ कांग्रेस कार्यालय में जाने का प्रयास करते लेकिन इन्हें रोक लिया जाता। कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह से ही कार्यालय में पहुंचना शुरू हो गए थे। बुल्ले शाह, संजय अग्रवाल, विधायक बलबीर बाल्मीकि सहित कई नेता पहुंचे। कांग्रेस कार्यालय में सभी बैठने लगे। जब उन्हें भनक लगी कि भाजपाई उनके कार्यालय की तरफ आ रहे हैं तो सभी नीचे आ गए। जोरदार विरोध शुरू कर दिया। पुलिस ने बीच-बचाव किया।
TEAM VOICE OF PANIPAT