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November 22, 2024
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किसान नेताओं से करेगी बात, हरियाणा-दिल्ली बार्डर पर रास्ता खुलवाने का हरियाणा सरकार की तैयारी.

वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- हरियाणा और दिल्ली बार्डर पर आंदोलनकारियों द्वारा जाम किए गए रास्ते को खुलवाने की प्रदेश सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि जनता और कारोबारियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए यथाशीघ्र रास्ते खुलवाए जाएं। हरियाणा सरकार की उच्च स्तरीय बैठक में रास्ता खुलवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ बातचीत करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए गृह सचिव राजीव अरोड़ा के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है, जो संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं से वार्ता कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक रास्ता खोलने का अनुरोध करेगी।

गृह मंत्री अनिल विज को उम्मीद है कि गृह सचिव के नेतृत्व वाली कमेटी संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को रास्ता खोलने के लिए तैयार कर लेगी। यदि ऐसा नहीं हो पाया तो सरकार कोई भी ठोस निर्णय ले सकती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार शाम को करीब पांच बजे उच्च स्तरीय बैठक आरंभ हुई, जिसमें गृह मंत्री अनिल विज, मुख्य सचिव विजयवर्धन, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, प्रधान सचिव वी उमाशंकर, गृह सचिव राजीव अरोड़ा और डीजीपी पीके अग्रवाल शामिल रहे।

हरियाणा और दिल्ली बार्डर पर आंदोलनकारियों द्वारा जाम किए गए रास्ते को खुलवाने की प्रदेश सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि जनता और कारोबारियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए यथाशीघ्र रास्ते खुलवाए जाएं। हरियाणा सरकार की उच्च स्तरीय बैठक में रास्ता खुलवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ बातचीत करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए गृह सचिव राजीव अरोड़ा के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है, जो संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं से वार्ता कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक रास्ता खोलने का अनुरोध करेगी।

गृह मंत्री अनिल विज को उम्मीद है कि गृह सचिव के नेतृत्व वाली कमेटी संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को रास्ता खोलने के लिए तैयार कर लेगी। यदि ऐसा नहीं हो पाया तो सरकार कोई भी ठोस निर्णय ले सकती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार शाम को करीब पांच बजे उच्च स्तरीय बैठक आरंभ हुई, जिसमें गृह मंत्री अनिल विज, मुख्य सचिव विजयवर्धन, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, प्रधान सचिव वी उमाशंकर, गृह सचिव राजीव अरोड़ा और डीजीपी पीके अग्रवाल शा

बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर चर्चा हुई। एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व संबंधित राज्यों से कहा है कि किसान संगठनों के आंदोलन की वजह से आम जनता तथा उद्यमियों को जो दिक्कतें आ रही हैं, उनका समाधान किया जाना चाहिये। मुख्य समस्या रास्ता बंद होने की है। हरियाणा सरकार ने अपनी बैठक में माना कि वास्तव में यह बड़ी समस्या है। लोगों का आवागमन बंद होने की वजह से करोड़ों रुपये का व्यापार-दुकानदारी बर्बाद हो चुकी है। लोगों को आने जाने का रास्ता नहीं मिल रहा है।

अदालत के आदेश का अनुपालन कराने के लिए ही एक बार हरियाणा सरकार ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को पंचकूला की कोर्ट में पेश करने की रणनीति तैयार की थी। प्रदेश सरकार अपनी इस रणनीति में कामयाब हो गई थी। यदि गुरमीत सिंह आराम से कोर्ट में पेश नहीं होता तो हरियाणा सरकार को उसे अपने तरीके से कोर्ट में पेश करना पड़ता। तब बहुत अधिक नुकसान होने की आशंका बन जाती। यही स्थिति अब भी बन रही है। यदि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप रास्ता खोलते हैं तो ठीक है अन्यथा प्रदेश सरकार को सख्ती करनी पड़ सकती है।

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