वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- साइबर ठगाें ने लाेगाें काे ठगी का शिकार बनाने के लिए फर्जी क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग एप विकसित किया है। इसमें निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा कर ठग लाेगाें काे आकर्षित कर ठगी का शिकार बनाते हैं। ऐसे एप से सावधान करने के लिए पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि जालसाज सोशल मीडिया और डेटिंग साइट के माध्यम से पीड़ित से संपर्क करते है और उनसे दोस्ती कर लेते हैं। मैसेजिंग एप के माध्यम से पीड़ित से बात करते है और कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए आमने-सामने की बैठकों के अनुरोधों से बचते हैं।
विश्वास हासिल करने के बाद पीड़ित को एक क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग एप डाउनलोड करने के लिए मना लिया जाता है और पीड़ित को एक लिंक भेजा जाता है। जिससे पीड़ित को एप इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है और क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के लिए एप पर वॉलेट के साथ एक खाता बनाकर कुछ क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसको अपने वॉलेट में स्थानांतरित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। जब पीड़ित क्रिप्टोकरेंसी को खरीद लेता है और उन्हें अपने खाते मे स्थानांतरण करने के लिए कहता है तो साइबर ठग बहाने बनाना शुरू कर देते हैं और फिर अंत में स्कैमर्स पीड़ित के खाते को ब्लॉक कर देते है और पीड़ित द्वारा निवेश की गई राशि ठग ली जाती है। जालसाजों द्वारा पीड़ित से संपर्क को समाप्त कर दिया जाता है।
इस प्रकार पीड़ित जालसाजों की ठगी का शिकार हो जाता है। इसके अलावा स्पीयर-फिशिंग भी जालसाजों द्वारा प्रयोग में लाई जा रही है। जिसमें आमतौर पर ई-मेल या अन्य ऑनलाइन मैसेजिंग के माध्यम से खुद को एक भरोसेमंद दोस्त या संस्था के रूप में बताकर पीड़ित व्यक्ति की संवेदनशील व गोपनीय जानकारी प्राप्त कर ली जाती है।
एसपी सावन ने बताया कि किसी भी इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से बचें। यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर विशेष रूप से क्रिप्टोक्यूरंसी के माध्यम से निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा करता है तो पूर्ण सत्यापन के बाद ही राशि निवेश करें। अज्ञात तृतीय-पक्ष मोबाइल एप इंस्टॉल करने से बचें। कोई भी जानकारी सबमिट करने से पहले URLS पर पूरा ध्यान दें। ई-मेल पर अज्ञात स्त्रोत से प्राप्त फाइल या डेडा/सामग्री को खोलने से बचे। अज्ञात एप्लीकेशन के डाउनलोड से बचने के लिए एंटीवायरस इंस्टाल करके रखे। साइबर सुरक्षा के बारे में अधिक जानने के लिए ट्विटर पर @CyberDost को Follow करें या cybercrime.gov.in पोर्टल पर जाएं।
TEAM VOICE OF PANIPAT