वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- शव गृह में 18 दिनो तक कोरोना मरीज का शव पड़ा रहने और परिजनों को अंतिम संस्कार करने का झूठ बोलने के मामले में अस्पताल के पीएमओ डॉ. संजीव ग्रोवर ने दो सीनियर डॉक्टरो की कमेटी बनाई है। इसमें एसएमओ डॉ. आलोक जैन व आरएमओ डॉ. राघवेंद्र मौजूद हैं। अब कमेटी जांच करेगी कि इतने दिनो तक अस्पताल के शव गृह में शव क्यो पड़ा रहा है।
परिजनो को अंतिम संस्कार के बारे में झूठ क्यो बोला गया। अब ये कमेटी अगले तीन दिनो में अपनी पूरी जांच करके पीएमओ को रिपोर्ट सौपेगी। टीम ये भी जांच करेगी कि 1 मई को जब मृतक हीरालाल की पत्नी प्रतिमा इमरजेंसी वार्ड में आई थी तो ड्यूटी पर कौन-कौन मौजूद रहे थे। किसने कहा था कि उसके पति के शव का अंतिम संस्कार हो चुका है।
मोर्चरी में 29 अप्रैल से 17 मई तक शव क्यों सड़ता रहा, शव का अंतिम संस्कार क्यों नहीं किया गया। मृतक के परिजनों को अंतिम संस्कार करने की झूठ क्यों बोला गया। मृतक की पैंट से मोबाइल फोन डॉक्टरों ने निकालकर परिजनों को क्यों नहीं सौंपा। आइसोलेशन वार्ड में मरीज की मौत होने की बात सिविल सर्जन व मोर्चरी के इंचार्ज को क्यों नहीं बताई गई। इसके साथ ही 29 अप्रैल को वधावाराम कॉलोनी में रहने वाले 35 साल के हीरालाल की सिविल अस्पताल में कोरोना के इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उसकी मौत की सूचना पर उसकी पत्नी प्रतिमा 1 मई को पानीपत पहुंची। यहां स्टाफ ने कहा कि उसके पति के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। जबकि शव 17 मई तक शवगृह में सड़ता रहा।
जन सेवा दल के सदस्यों ने शव की जांच की और उसकी पैंट की जेब से मोबाइल फोन था। इसके बाद उसके परिजनों को दोबारा पानीपत बुलाकर उनके सामने अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों ने शव के साथ अमानवीय व्यवहार करने पर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है।
TEAM VOICE OF PANIPAT