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September 8, 2024
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स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की ये हैं प्रमुख बातें

वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):-कोरोना काल में देश आज 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7वीं बार लालकिले पर झंडा फहराया और देशवासियों को संबोधित किया। अपने 86 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत, कोरोना संकट, आतंकवाद, विस्तारवाद, संप्रभुता, रिफॉर्म, मध्यमवर्ग, महिलाओं, किसानों, कामगारों और कश्मीर से लेकर लेह-लद्दाख तक का विशेष रूप से जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में पड़ोसी देशों की एक नई परिभाषा भी दी। उन्होंने कहा कि भौगोलिक सीमा से जुड़े देश ही पड़ोसी नहीं हैं, बल्कि जिनसे हमारे दिल मिलते हैं, जो हमारी तरह समान विचारधारा रखते हैं, वह भी हमारे पड़ोसी हैं। पीएम ने यह भी कहा कि कोरोना महामारी इतनी बड़ी विपत्ति नहीं कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को रोक पाए। इसके साथ ही उन्होंने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के शुरू होने का एलान भी किया। पीएम मोदी ने भारत को वैश्विक पटल पर लाने की तमाम योजनाओं, संकल्पों और कार्यों के बारे में भी बताया। आइए जानते हैं उनके भाषण से जुड़ी बड़ी और बेहद महत्वपूर्ण बातें…

कोरोना वॉरियर्स को नमन

कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेकों लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं।
स्वाधीनता सेनानियों की याद
अगले वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे। एक बहुत बड़ा पर्व हमारे सामने है। गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो।

महिला शक्ति को सलाम
हमारा अनुभव कहता है कि भारत में महिलाशक्ति को जब-जब भी अवसर मिले, उन्होंने देश का नाम रोशन किया, देश को मजबूती दी है।आज भारत में महिलाएं अंडरग्राउंड कोयला खदानों में काम कर रही हैं तो लड़ाकू विमानों से आसमान की बुलंदियों को भी छू रही हैं। देश के जो 40 करोड़ जनधन खाते खुले हैं, उसमें से लगभग 22 करोड़ खाते महिलाओं के ही हैं। कोरोना के समय में अप्रैल-मई-जून, इन तीन महीनों में महिलाओं के खातों में करीब-करीब 30 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए हैं।  
विस्तारवाद पर प्रहार
विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई। भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी। विस्तारवाद की भावना ने दुनिया को विश्वयुद्ध में धकेल दिया। उस वक्त भी भारत ने अपनी आजादी की ललक नहीं छोड़ी।
आत्मनिर्भर भारत पर जोर
परिवार भी 20-21 वर्ष के बच्चों से कहता है कि अब अपने पैरों पर खड़े हो जाओ। भारत तो आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है। कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ भारतीयों ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लिया है। हमें पूरा भरोसा है कि भारत इस सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मुझे अपने देश के सामर्थ्य पर विश्वास है।आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, फिनिश्ड प्रॉडक्ट बनकर भारत में लौटता रहेगा। हम इस स्थिति को बदलेंगे। हमारे आत्मनिर्भर बनने से दुनिया का कल्याण होगा।एक समय था, जब हमारी कृषि व्यवस्था बहुत पिछड़ी हुई थी। तब सबसे बड़ी चिंता थी कि देशवासियों का पेट कैसे भरें। आज हम सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों का पेट भर सकते हैं। किसानों ने कृषि क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बना दिया है।

पड़ोसी देशों को संदेश
दक्षिण एशिया में दुनिया की एक चौथाई जनसंख्या रहती है। हम सहयोग और सहभागिता से इतनी बड़ी जनसंख्या के विकास और समृद्धि की अनगिनत संभावनाएं पैदा कर सकते हैं। इस क्षेत्र के देशों के सभी नेताओं की इस विशाल जन समूह के विकास और प्रगति की ओर एक अहम जिम्मेदारी है। आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं। जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है।इनसे से कई देशों में बहुत बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं। जिस प्रकार इन देशों ने कोरोना संकट के समय भारतीयों की मदद की, भारत सरकार के अनुरोध का सम्मान किया, उसके लिए भारत उनका आभारी है।
इसी प्रकार हमारे पूर्व के ASEAN देश, जो हमारे समुद्री सीमा वाले पड़ोसी भी हैं, वो भी हमारे लिए बहुत विशेष महत्व रखते हैं। इनके साथ भारत का हज़ारों वर्ष पुराना धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध है। बौद्ध धर्म की परम्पराएं भी हमें उनसे जोड़ती हैं।
भारत के जितने प्रयास शांति और सौहार्द के लिए हैं, उतनी ही प्रतिबद्धता अपनी सुरक्षा के लिए, अपनी सेना को मजबूत करने की है। भारत अब रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भी पूरी क्षमता से जुट गया है। 

देश में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति का मसौदा तैयार हुआ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत इस संदर्भ में सचेत है, सतर्क है और इन खतरों का सामना करने के लिए फैसले ले रहा है और नई-नई व्यवस्थाएं भी लगातार विकसित कर रहा है। देश में नई राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है। 

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