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July 26, 2025
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पानीपत के नेशनल हाईवे पर पुलिस मुस्‍तैद, आंसू गैस के गोलों के साथ जवान तैनात

वायस आफॅ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- पानीपत के बांध गांव में सोमवार रात कुछ लोगों और गांववालों के बीच मुठभेड़ में दो की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने रात को गांव के करीब 12 लोगों को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद मंगलवार सुबह गांव बांध के सैकड़ों लोग पानीपत के लघु सचिवालय इकट्ठा हुए और एसपी मनीषा चौधरी से मिले। उन्होंने एसपी को मामले में मुख्य आरोपी विकास को गिरफ्तार करने और हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ने की मांग की। इस पर एसपी ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

बांध गांव में सुबह से ही पुलिस की टीमें पहुंचना शुरू हो गई। हर गली पर पहरा बैठा दिया गया। धीरे-धीरे इनकी संख्‍या बढ़ती गई। दूसरी तरफ गांव में ही लोगों ने अपनी ओर से भी पंचायत बुला ली। पंचायत में धर्मपाल व उसके परिवार ने बुलाया था। बांध गांव के सरपंच गुलाब सिंह भी मौजूद रहे। पंचायत में निर्णय लिया कि पुलिस ने जिन लोगों को उठाया है, उन्‍हें जल्‍द छोड़ा जाए। पंचायत के बाद लोग एसपी से मिलने के लिए रवाना हो गए। तब भी गांव में छावनी सा माहौल बना हुआ है।  


बता दें कि बांध गांव के धर्मपाल का करनाल जिले के कोहंड कस्बे में धर्म ढाबा है। 14 अगस्त की रात 11.40 पर उसके ढाबे में 3 गुंडों ने 60 हजार रुपये और दो सोने की चैन लूट ली थी। इनमें से एक उन्हीं के गांव का बदमाश विकास था। ढाबा मालिक ने आरोपियों पर केस दर्ज करवा दिया। आरोप है कि केस दर्ज होने से खफा विकास सोमवार रात को कुछ बदमाशों के साथ गांव में पहुंचा। वहां ग्रामीणों के साथ उसकी मुठभेड़ हो गई। इसमें 2 बदमाशों को गोली मारकर ढेर कर दिया। इसमें पुलिस ने करीब 1 दर्जन लोगों को हिरासत में ले रखा है।

सैकड़ों की संख्या में पानीपत के लघु सचिवालय पहुंचे लोग
पानीपत के लघु सचिवालय पर तीन बसों में भरकर गांव बांध के लोग पहुंचे। पुलिस को इसकी सूचना पहले से मिल गई थी। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी लघु सचिवालय के बाहर ओवर ब्रिज के नीचे इकट्ठा हो गए। प्रदर्शन और ज्ञापन देने आए लोगों को वहीं रोक लिया गया। पुलिस ने उनसे बातचीत की और 11 लोगों को अंदर जाने की इजाजत दी। इसमें गांव बांध का सरपंच, कुछ महिलाएं और ढाबा मालिक के परिजन व ब्राह्मण सभा के सदस्य शामिल थे।गांव बांध और इसराना के कई लोगों ने विकास पर कई गंभीर आरोप लगाए लेकिन विकास की दहशत इतनी है कि लोग अपना नाम लिखवाने से डरते नजर आए। वे दबी जुबान में विकास पर आरोप जरूर लगा रहे थे लेकिन जब उसने उनके बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपना नाम लिखवाने से मना कर दिया।

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