वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)
निर्भया मामले में फांसी की सजा पाए चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता ऐसे दोषी हैं जिसके पास फांसी से बचने के लिए अब भी एक दो नहीं बल्कि कुल तीन कानूनी रास्ते बचे हुए हैं, जिनका वह चाहे तो इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन जब उसके वकील रवि काजी उससे मिलने गए तो उसने उनसे मिलने से साफ मना कर दिया। जानकारी अनुसार 17 फरवरी को जारी हुए नए डेथ वारंट के बारे में वकील रवि काजी जेल में बंद दोषी पवन से बातचीत करने के लिए गए थे, लेकिन उसने मिलने से साफ इनकार कर दिया है।
दरअसल तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों में से सिर्फ पवन कुमार गुप्ता के पास फांसी से बचने के लिए अब भी कुल तीन कानूनी विकल्प में से उसके पास सुधारात्मक याचिका और राष्ट्रपति के पास दया याचिका खारिज करने का विकल्प और इसके भी याचिका खारिज होने के बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का भी विकल्प बचा है।
वहीं, बाकी बचे तीन दोषियों मुकेश, विनय और अक्षय के पास फांसी से बचने के लिए अब कोई कानूनी विकल्प नहीं रहा है। तीनों ही दोषी रिव्यू पिटीशन, क्यूरेटिव पिटीशन, राष्ट्रपति के पास दया याचिका, दया याचिका खारिज होने के खिलाफ याचिका दायर करने के कानूनी विकल्प का प्रयोग कर चुके हैं।
बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 फरवरी को नया वारंट जारी किया था , जिसके मुताबिक आने वाले 3 मार्च को सुबह 6 बजे सभी चारों दोषियों (मुकेश सिंह, अक्षय कुमार, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता) को तिहाड़ जेल संख्या-3 में फांसी दी जानी है। साथ ही यह तीसरी बार है, जब दिल्ली कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया् है। इससे पहले भी पटियाला हाउस कोर्ट 22 जनवरी और 1 फरवरी को भी डेथ वारंट जारी कर चुका है, लेकिन दोषियों के सुप्रीम कोर्ट में जाने के चलते फांसी रद्द कर दी गई।
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