वायस ऑफ़ पानीपत(देवेंद्र शर्मा):- कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब-हरियाणा में किसानों के आंदोलन के कारण अंबाला और फिरोजपुर रेल मंडल को करीब 415 करोड़ रुपये की माल ढुलाई में नुकसान हुआ है। पटरियों पर किसान बैठे होने के कारण मालगाडिय़ों की आवाजाही तक बंदी पड़ी है। पंजाब के होशियारपुर से लोड होने वाले ट्रैक्टर मजबूरन अंबाला और धूलकोट से लोड कर आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश भेजे जा रहे हैं। इसी प्रकार, गुरुग्राम और अन्य जगह जाने वाला सीमेंट भी पंजाब के कीरतपुर की जगह अंबाला से मालगाडिय़ों में लोडिंग हो रही है।जिससे हरियाणा मे भी बहुत नुकसान हो रहा है।
रेलवे का एक बड़ा रिकार्ड बनाने में यह प्रदर्शन रोड़ा बन गया, क्योंकि कोरोना काल में देशभर के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले सारे रिकार्ड टूट गए हैं। देशभर में सितंबर माह में माल की ढुलाई 15 तो अक्टूबर में 18 फीसद अधिक हुई है। यहां तक कि मालगाड़ी में स्पीड भी बढ़ी है। इस कारण सामान भी दूसरे राज्यों में जल्दी पहुंचाया जा सका। रेल अधिकारियों का मानना है कि यदि पंजाब में चक्का जाम न होता तो 18 फीसद की जगह यह आंकड़ा और बढ़ जाता।अंबाला मंडल की बात करें तो किसानों के प्रदर्शन का नुकसान रेलवे की आय पर पड़ा है। अंबाला मंडल की आमदनी अक्टूबर 2019 में 154.96 करोड़ हुई थी वहीं अब घटकर 2020 में 64.23 करोड़ रुपये रह गई। हालांकि, अंबाला और धूलकोट स्टेशन की आमदनी बढ़ गई है। आंदोलन के कारण इन दोनों स्टेशनों से माल ढुलाई हो रही है। अंबाला में अक्टूबर 2019 में जहां आमदनी 7.46 करोड़ थी, इस बार अक्टूबर 2020 में 9.10 हो गई। धूलकोल में 2019 में 2.34 से बढ़कर 9.10 हो गई।
TEAM VOICE OF PANIPAT