वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)
लंगर में भोजन-प्रसाद परोसने वाली संस्थाओं को भी अब पंजीकरण कराना होगा..धार्मिक स्थलों में लंगर के लिए उन सभी मानकों का पालन अनिवार्य कर दिया गया है, जो होटल-रेस्त्रं के लिए लागू होते हैं..जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी (डीएफएसओ) श्यामलाल ने बताया कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसआइ) ने धार्मिक स्थलों-संस्थाओं को भोग (ब्लिसफुल हाइजीनिक ऑफरिंग टू गॉड) योजना के तहत नियमों के दायरे में ला दिया है। सरकार का उद्देश्य स्वच्छ प्रसाद, भंडारा-लंगर का परोसा जाना ताकि श्रद्धालु पूरी तरह से स्वस्थ रहें।
उन्होंने बताया कि इसे खाद्य सुरक्षा प्रणाली (एफएसएमएस) कहते हैं। यहां किचन की साफ-सफाई रखनी होती है। खाद्य सामग्री तैयार करने वाले कारीगरों को मास्क, सिर पर कैप, एप्रन और दस्ताने पहनकर काम करना होगा। रसोईघर में गुटखा, पान-तंबाकू आदि नशीले पदार्थ पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। गीला-सूखा कचरे के लिए डस्टबिन रखना होगा। सब्जी-फलों के छिलके सहित अन्य खराब सामग्री का ठीक से निस्तारण करना होगा। डीएफएसओ के मुताबिक यह आस्था के साथ सेहत से जुड़ा मामला भी है। कुछ धार्मिक स्थलों की कमेटियों को सूचना दी गई है। सभी से अपील है कि एफएसएसआइ के नियमों को लागू करने में सहायता करें और मात्र 100 रुपये वार्षिक शुल्क देकर पंजीयन करवाएं
TEAM VOICE OF PANIPAT