वायस ऑफ पानीपत(सोनम):- 62 दिन की अमरनाथ यात्रा शनिवार से शुरू हो गई। पवित्र गुफा मंदिर की पहली तस्वीर भी सामने आई है। आज सुबह मंत्रोच्चार के साथ आरती की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे। तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे ने गुफा मंदिर की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। यात्रा 31 अगस्त को खत्म होगी। पहले दिन जम्मू कश्मीर के गांदरबल में बालटाल आधार शिविर से तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना हुआ। यात्रा को गांदरबल के डिप्टी कमिश्नर श्यामबीर ने श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। डिप्टी कमिश्नर श्यामबीर ने बताया- आज हम यहां से यात्रियों के पहले जत्थे को रवाना कर रहे हैं। इसमें करीब 7 से 8 हजार यात्री हैं। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के CEO मनदीप कुमार भंडारी ने बताया कि अब तक 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। पिछले साल के मुकाबले यह 10% ज्यादा है। रजिस्ट्रेशन अभी जारी है। है। श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर यह है कि बालटाल में ही 350 से 550 रुपए में एक महीने की वैलिडिटी के साथ सिम खरीद सकते हैं। यह हाथों-हाथ चालू भी हो जाती है। लंगर के आसपास ही गर्म कपड़े और ट्रैकिंग के सामान के साथ रेनकोट, छाता सब उपलब्द है। बालटाल वाला छोटा रास्ता इस बार काफी डेवलप हो चुका है।
16 किमी के रूट पर 11 किमी रोड बनने से राह आसान हो चुकी है। हालांकि 5 किमी रास्ता अब भी संकरा है। यात्रा की सुरक्षा को पांच लेयर में बांटा गया है। गुफा के पास पहली बार ITBP मोर्चे पर है। यात्रा मार्ग पर लंगर-टेंट का काम 10 जून से शुरू हो चुका था। लंगर वालों ने बताया कि तब 3 मीटर ऊंची बर्फ जमी थी। बर्फ हटाने के बाद ही लंगर लगा पाए। पिछले साल बालटाल से गुफा तक 16 किमी में लंगर लगे थे, लेकिन बादल फटने से हादसा हो गया था। इस बार बालटाल से संगम तक ही लंगर की अनुमति दी गई है। संगम से गुफा तक 4 किमी में लंगर नहीं लगेंगे। इस बार सभी पड़ाव पर तंबाकू प्रोडक्ट्स की बिक्री और जंक या फ्राइड फूड पर पाबंदी होगी। दोनों रूट पर 120 लंगर हैं। हाई रिस्क वाले ढाई किमी रूट पर यात्रियों को हेलमेट लगाना अनिवार्य होगा। ये मुफ्त मिलेंगे। यात्रा के लिए श्रीनगर आकर कैब के जरिए 98 किमी दूर बेस कैंप बालटाल पहुंचना होगा। ऑनस्पॉट रजिस्ट्रेशन जम्मू में शुरू हो चुके हैं। बालटाल से शुरू 800 मी. डामर सड़क बन गई है। आगे 2 किमी डोमेल तक पेवर ब्लॉक की सड़क है। वहां से बराड़ी तक 8 किमी कच्ची सड़क है। हालांकि इसे चौड़ा किया गया है। इससे आगे 5 किमी ढलान के साथ खड़ी चढ़ाई है। गुफा तक सड़क का काम जारी है।
*1995 में अमरनाथ यात्रा 20 दिनों तक चली थी, इस बार 62 दिनों की है यात्राश*
अमरनाथ यात्रा आमतौर पर जुलाई-अगस्त के दौरान होती है, जब हिंदुओं का पवित्र महीना सावन पड़ता है। शुरू में तीर्थयात्रा 15 दिन या एक महीने के लिए आयोजित होती थी। 2004 में, श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने तीर्थ यात्रा को लगभग 2 महीनों तक आयोजित करने का फैसला किया। 1995 में अमरनाथ यात्रा 20 दिनों तक चली थी। 2004 से 2009 के दौरान यात्रा 60 दिनों तक चली थी। इसके बाद के सालों में यात्रा 40 से 60 दिन तक चली थी। 2019 में ये यात्रा 1 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त तक चलनी थी, लेकिन आर्टिकल- 370 हटाए जाने से कुछ दिनों पहले सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रद्द कर दी गई थी। इस बार ये 62 दिनों की होगी। पिछले कुछ सालों में अमरनाथ तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ती गई है। 1990 के दशक में हजारों की संख्या से अगले कुछ सालों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ की यात्रा पर गए। 2011 में रिकॉर्ड 6.34 लाख श्रद्धालुओं ने अमरनाथ के दर्शन किए थे।
TEAM VOICE OF PANIPAT