वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- दिवाली से पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है.. सनातन धर्म में इसत्यौहार का विशेष पर्व देखने को मिलता है.. शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन केदौरान भगवान धन्वन्तरिप्रकट हुए थे.. ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन विधि पूर्वक भगवान धन्वन्तरि कीपूजा-अर्चना करने से घर में सुख,समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है.. साथ ही धन से संबंधित समस्या से छुटकारा मिलता है और धन लाभ के योगबनते हैं.. धनतेरस के शुभ अवसर पर सोना-चांदी की खरीदारी की जाती है.. साथ ही मां लक्ष्मी और भगवान गणेश कीप्रतिमा को घर लाया जाता है.. अगरआप भी धनतेरस पर मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मूर्ति को खरीद रहे हैं, तो इस लेख में दी गई विशेष बातों काध्यान रखें..
- धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति घरलानी चाहिए, जिसमे वो कमल के फूल पर विराजमान हो.. खड़ी मुद्रा वाली प्रतिमा को लेने से बचना चाहिए.. भगवान गणेश जी की प्रतिमा को बैठे हुईमुद्रा में लेनी चाहिए..
- उनकी सूंडदाईं तरफ मुड़ी हुई होनी चाहिए.. इस तरह की प्रतिमा को घर लाना शुभ माना जाता है.. प्रतिमा का रंग पीला या हरा होना चाहिए.. इसके अलावा उनके हाथ में मोदक और जनेऊ धारण करने वालीप्रतिमा को शुभ माना जाता है..
- मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा को विराजमान करनेके लिए दिशा का खास ध्यान रखें.. देवी लक्ष्मीऔर गणेश जी की उपासना उत्तर या पूर्व दिशा में करना उत्तम माना जाता है.. इससे जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मांलक्ष्मी प्रसन्न होती हैं..
TEAM VOICE OF PANIPAT