वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- वह न तो मां के आंचल में खेल पाए और न ही मां की ममता को समझ पाए.. दुनिया में आकर आंखें खोली ही थी कि बदनसीबी के थपेड़ों से सामना हो गया.. पलभर के लिए मां को ममता भी याद नहीं आई कि उसने जिस नौ माह तक पेट में रखा, उसे मरने के लिए कैसे छोड़ दूं.. ये दास्ता उन बदनसीब नवजातों की है, जो कोई नाले में मिला तो कोई झाडिय़ों में.. नौ माह में ये तीसरा वाकया है, जब किसी नवजात को जन्म के तुरंत बाद फेंक दिया गया.. पानीपत शहर में नवजात बच्चियों और भ्रूण मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.. इसी बीच शहर के खन्ना रोड पर स्थित फैक्ट्री में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब फैक्ट्री परिसर में नवजात बच्ची को पड़ा देखा..
कर्मचारियों की सूचना पर मौके पर पहुंचे फैक्ट्री मालिक ने पुलिस को बुलाया.. मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी आवश्यक कार्रवाई करते हुए नवजात बच्ची के शव को जन सेवा दल के जरिए सिविल अस्पताल भिजवाया.. जहां उसका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है..
*अस्पताल का था हरा कपड़ा*
मिली जनकारी के अनुसार कृष्णपुरा चौकी के अंर्तगत आने वाले खन्ना रोड की यह घटना है.. यहां रोड़ पर ही केमिकल फैक्ट्री है, जो काफी बड़ी है.. इस फैक्ट्री में आज सुबह के समय कर्मचारियों ने एक जगह पर मिट्टी पर हरे कपड़े में नवजात बच्ची के शव को देखा.. मामले की जानकारी तुरंत पुलिस को दी गई.. मौके पर पहुंचे फैक्ट्री मालिक, पुलिस टीम ने जांच की.. सीसीटीवी खंगाल कर उसे फेंकने वालों का पता लगाने की कोशिश की.. मौके पर पूछताछ में भी कुछ हाथ नहीं लगा..मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी आवश्यक कार्रवाई करते हुए नवजात बच्ची के शव को जन सेवा दल के जरिए सिविल अस्पताल भिजवाया.. जहां उसका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है..
TEAM VOICE OF PANIPAT