वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- इलॉन मास्क की कंपनी स्पेसएक्स के स्पेसक्राफ्ट से आज (27 अगस्त) 4 एस्ट्रोनॉट पृथ्वी से करीब 700 किलोमीटर ऊपर स्पेस में जा रहे हैं… 50 साल से ज्यादा समय से इस ऑर्बिट में कोई भी एस्ट्रोनॉट नहीं गया है.. वहां 2 एस्ट्रोनॉट स्पेसवॉक भी करेंगे.. यह दुनिया की पहली प्राइवेट स्पेसवॉक होगी.. 5 दिन उस मिश्न का नाम पोलारिस डॉन है.. जिसे शाम 4 बजे लॉन्च किया जाएंगा.. बिलेनियर जेरेड आइसेकमैन मिशन कमांडर है। यूएस एयरफोर्स के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल किड पोटेट पायलट है.. स्पेसएक्स की सारा गिलिस और अन्ना मेनन मिशन स्पेशलिस्ट हैं..
इस मिश्न के दौरान ड्रैगन कैप्सूल उस उंचाई तक जाने का प्रयास करेगा.. जहां अपोलो प्रोग्राम के बाद से अब तक कोई नहीं गया.. जहां दो एस्ट्रोनॉट पहली प्राइवेट एक्स्ट्राव्हीकुलर एक्टिविटी करेंगे..इस दौरान वो स्पेसएक्स के डेवलप्ड EVA सूट पहनेंगे.. मिशन के दौरान ह्यूमन हेल्थ से जुड़ी 36 रिसर्च स्टडी और एक्सपेरिमेंट भी किए जाएंगे.. इसके अलावा स्पेस में स्टारलिंक के लेजर-बेस्ड कम्युनिकेशन की टेस्टिंग होगी.. यह पहली बार होगा जब स्पेसएक्स के दो एम्प्लॉई ह्यूमन स्पेसफ्लाइट क्रू का हिस्सा होंगे..
एस्ट्रोनॉट जेरेड आइसेकमैन और सारा गिलिस इस मिशन के तीसरे दिन पृथ्वी से 700 किमी ऊपर स्पेस वॉक करेंगे। ये वॉक 15-20 मिनट की होगी.. हालांकि इस पूरी प्रोसेस में करीब 2 घंटे का समय लगेगा.. स्पेसवॉक से पहले, क्रू “प्री-ब्रीथ” प्रोसेस शुरू करेगा.. इस प्रोसेस में केबिन को शुद्ध ऑक्सीजन से भरा जाएगा और नाइट्रोजन के किसी भी ट्रेस को हटाया जाएगा.. एस्ट्रोनॉट के स्पेस में रहने के दौरान अगर नाइट्रोजन उनके ब्लडस्ट्रीम में पहुंच जाती है, तो इससे ब्लड फ्लो में रुकावट पैदा हो सकती हैं। डीकंप्रेसन सिकनेस भी हो सकती है..
TEAM VOICE OF PANIPAT