वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- करनाल के शिव कालोनी से 10वीं कक्षा का एक छात्र हर रोज की तरह घर से स्कूल से निकला था, लेकिन आधे घंटे बाद ही उसके स्वजनों के पास ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो जाने की सूचना पहुंच गई, जिससे परिवार में मातम छा गया। आनन-फानन में वे पहुंचे तो लहूलुहान शव ट्रैक पर पड़ा था, जहां राजकीय रेलवे पुलिस टीम भी मौजूद थी।
बताया जा रहा है कि करीब 17 वर्षीय सौरव सुबह करीब नौ बजे ही घर के समीप स्थित निजी स्कूल के लिए गया था। उसके साथ एक साथी छात्र भी था। वह छात्र स्कूल में चला गया जबकि सौरव स्कूल के गेट से ही वापस लौट गया। वह स्कूल व घर से महज कुछ ही दूरी पर रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया, जहां दिल्ली से चंडीगढ़ की ओर जा रही शताब्दी एक्सप्रेस की चपेट में आ गया। हादसे की सूचना मिली तो जांच अधिकारी दरिया सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे। शव के पास ही मिले बैग से सौरव की किताब से उसके पिता व स्कूल का संपर्क नंबर मिला, जिस पर उन्हें सूचना दी। उनके आने पर शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी हाउस भेजा गया है।
पिता विश्म्बर ने बिल्खते हुए बताया कि वह घरौंडा में स्थित लिबर्टी कंपनी में काम करता है। सुबह नौ बजे वह घर से निकला था तो उसके साथ उसका छोटा बेटा सौरव भी स्कूल के लिए हर रोज की तरह चला गया था। उन्होंने पत्रकारों के समक्ष आरोप लगाते हुए कहा कि सौरभ की करीब पांच-छह हजार रुपये फीस बकाया था, जिसके लिए शिक्षक उसे कहते थे और वह परेशान सा रहने लगा था। विश्म्बर ने बताया कि उसे एक एक्सिडेंट में चोटें लग गई थी जबकि उनकी पत्नी भी बीमारी के चलते अस्पताल में उपचाराधीन रही, जिसके चलते वह फीस नहीं भर पाया। हालांकि स्कूल की ओर से उसके पास कोई इस संबंध में काल भी नहीं आई, लेकिन परेशान से दिखे सौरव से कई बार पूछताछ भी की, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। वे समझते रहे कि बीमार मां की ही चिंता कर रहा है। उसके बड़े बेटे गौरव ने हाल ही में नीलोखेड़ी पोलिटेक्निक संस्थान में दाखिला लिया है।
रेलवे पुलिस के जांच अधिकारी दरिया सिंह का कहना है कि सौरव लाइन पार कर रहा था। इसी दौरान वह ट्रेन की चपेट में आ गया। वह स्कूल जाने की बजाए यहां क्यों और कैसे पहुंचा यह अभी जांच की जाएगी। स्कूल स्टाफ द्वारा फीस को लेकर दबाव देने के संबंध में भी अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन सूचना मिलते ही स्कूल प्रिंसिपल घटनास्थल पर ही पहुंच गई थीं।
TEAM VOICE OF PANIPAT