April 19, 2025
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Haryana के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में अब नहीं होंगे Practical

वायस ऑफ पानीपत(शालू मौर्या):- हरियाणा में स्थित प्राइवेट प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों अब प्रेक्टिकल एग्जाम नहीं होंगे.. प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित 5 प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के सप्लीमेंट्री प्रेक्टिकल एग्जाम सेंटरों को सरकारी कॉलेजों में ट्रांसफर कर दिया है.. पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज रोहतक ने यह कदम हरियाणा में हाल ही में हुए एमबीबीएस एग्जाम घोटाले को देखते हुए उठाया है.. यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने अब परीक्षा प्रोटोकॉल को सख्त कर दिया है.. पहले संबंधित निजी संस्थानों में आयोजित की जाने वाली प्रेक्टिकल एग्जाम अब 26 अप्रैल को थ्योरी एग्जाम के समापन के बाद निकटवर्ती सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आयोजित किया जाएगा.. सभी प्रेक्टिकल एग्जाम 10 मई तक पूरी कर लिए जाने चाहिए और परिणाम तुरंत विश्वविद्यालय के पोर्टल पर अपलोड किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.. यूएचएसआर के कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि हम हर संभावित खामियों को दूर करके पारदर्शिता और परीक्षा की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं..

इस संबंध में हाल ही में यूएचएसआर परीक्षा नियंत्रक कार्यालय द्वारा पीजीआईएमएस-रोहतक, एसएचकेएम राजकीय मेडिकल कॉलेज, नल्हड़ (मेवात) और कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज, करनाल के निदेशकों को एक औपचारिक लेटर जारी किया गया है..

सरकारी संस्थानों के विभागाध्यक्षों को बाहरी परीक्षकों के साथ समन्वय स्थापित करने और मेरिट या अनुक्रम के अनुसार प्रायोगिक परीक्षाएं निर्धारित करने के लिए कहा गया है.. तीन निजी कॉलेजों के छात्र अब सप्लीमेंट्री एग्जाम के लिए पंडित बीडी शर्मा पीजीआईएमएस, रोहतक में अपने प्रेक्टिकल देंगे, जबकि अन्य दो के छात्र कल्पना चावला सरकारी मेडिकल कॉलेज, करनाल में परीक्षा देंगे..

*एमबीबीएस परीक्षा घोटाला में अब तक 41 लोगों पर हो चुका केस दर्ज*

हरियाणा में एमबीबीएस परीक्षा घोटाला मामले में 41 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है.. इन 41 लोगों में से 24 प्राइवेट कॉलेजों के एमबीबीएस छात्र हैं, जबकि शेष 17 विश्वविद्यालय के कर्मचारी हैं.. अब इस मामले में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अमरीश भगोल को तत्काल प्रभाव से उनके पद से मुक्त कर दिया गया है.. इस मामले में अब तक क्लर्क से लेकर डिप्टी सुपरिंटेंडेंट तक के छह नियमित विश्वविद्यालय कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है, जबकि छह आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं..

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