वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- हरियाणा के यमुनानगर स्थित स्कूल से अफीम का पौधा मिलने का मामला सामने आया है.. एक दो नहीं.. बल्कि स्कूल में 100 से अधिक पौधे उगे थे.. माली इन पौधों में रोज पानी भी दे रहा था.. मामला पुलिस प्रशासन तक पहुंचा तो पुलिस टीम स्कूल जा पहुंची.. वहां से पौधों को कब्जे में ले लिया गया.. फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है कि पौधा कैसे उगे या किसने उगाया.. वहीं स्कूल प्रबंधन का कहना है कि ये पौधे अपने आप उगे है.. इसका पता तब लगा जब स्कूल में बच्चों का दाखिला कराने के लिए यहां अभिभावक पहुंचें.. इसी दौरान किसी ने अफीम के पौधों की पहचान करें पुलिस को सूचना दे दी. स्कूल में पौधे उगाए जाने से पुलिस में भी हड़कंप मच गया. पुलिस जब स्कूल पहुंची, तब तक पौधे उखाड़ लिए गए थे. पुलिस ने सभी पौधों को कब्जे में ले लिया है. स्कूल प्रिंसिपल को जब फोन किया गया तो उन्होंने कॉल नहीं उठाई. पुलिस ने बताया कि इस बारे में स्कूल मैनेजमेंट से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें बिल्कुल भी नहीं पता..
बता दें, इससे एक दिन पहले पानीपत से भी ऐसा ही मामला सामने आया था. शुक्रवार को पानीपत के रिफाइनरी क्षेत्र में पुलिस को एक निजी स्कूल में अफीम के पौधे मिले थे. ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में पूरी कार्रवाई की गई. सभी पौधों को अपने कब्जे में लेकर उनका वजन करवाया गया जो 102 ग्राम मिला. पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एनडीपीएस के तहत केस दर्ज किया पुलिस ने कब्जे में लिए अफीम के पौधे..
क्या है अफीम?
बता दें, अफीम के पौधे को नशे की सामग्री बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. दुनिया में सबसे अधिक अफीम का उत्पादन अफगानिस्तान में होता है, जहां से विश्व भर में उसे एक्सपोर्ट किया जाता है. अगर भारत की बात करें तो यहां पर अफीम की खेती बड़ी मात्रा में नहीं की जाती है. इसकी खेती करने के लिए सरकार से एक अलग लाइसेंस लेना पड़ता है और सरकार लाइसेंस को कुछ ही राज्यों के किसानों को जारी करती है..
कैसा होता है पौधा?
इसके पौधे की लंबाई 3 से 4 फुट तक होती है.. यह पौधे हरे रेशों और चिकने कांडवाला होता है.. अफीम के डंठल विहीन, पत्ते लम्बे और गुड़हल के पत्तों की तरह ही होते हैं.. इस फसल के फूल सफेद और नीले रंग में कटोरीनुमा होते हैं.. अफीम का रंग काला होता है.. टेस्ट की बात करें तो यह बहुत कड़वा लगता है..
TEAM VOICE OF PANIPAT