वायस ऑफ पानीपत (सोनम):- सहारा इंडिया की को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के 10 करोड़ निवेशकों के पैसे फंसे हुए हैं। इसमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है….. पैसे वापस नहीं मिलने पर निवेशकों ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील की थी। पोर्टल पर सहारा इंडिया के इन्वेस्टर्स की डिटेल्स होंगी….. यह जानकारी भी होगी कि सहारा में निवेश किए गए पैसों को कैसे वापस पाया जा सकता है….. सहारा इंडिया के निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह नई दिल्ली में ‘सहारा रिफंड पोर्टल’ आज (मंगलवार) लॉन्च किया….. अटल ऊर्जा भवन में इस पोर्टल की शुरुआत की गई। पोर्टल के जरिए सहारा के उन निवेशकों के पैसे वापस दिए जाएंगे जिनके निवेश की अवधि, यानी समय सीमा पूरी हो चुकी है…..
रिफंड की पूरी प्रोसेस:
सबसे पहले https://cooperation.gov.in पोर्टल पर जाए।
पोर्टल के होमपेज पर जमाकर्ता पंजीकरण पर क्लिक करें।
आधार नंबर और इससे जुड़ा मोबाइल नंबर डालना होगा।
सेंड OTP पर क्लिक करें और OTP आने पर दर्ज करें।
नियम और शर्तों को पढ़कर ‘मैं सहमत हूं’ पर क्लिक करें।
आपकी पूरी डिटेल्स जैसे बैंक का नाम, जन्मतिथि आ जाएगी।
रजिस्ट्रेशन पूरा होने पर जमाकर्ता लॉगिन पर क्लिक करें।
दोबारा आधार और मोबाइल नंबर डालकर OTP दर्ज करें।
जमा प्रमाण पत्र की प्रति के साथ दावा अनुरोध फॉर्म भरें।
सोसाइटी का नाम, सदस्यता नंबर, जमा राशि भरनी होगी।
कोई लोन लिया है या पार्शियल पेमेंट मिला है तो ये बताना होगा।
दावा राशि 50 हजार से ज्यादा है तो पैन कार्ड की डिटेल्स दें।
एक ही बार दावा किया जा सकता है इसलिए एक बार में ही सभी डिपॉजिट डिटेल्स भरें। वैरिफिकेशन के बाद दावा प्रपत्र डाउनलोड करना होगा….. इस पर अपनी नई फोटो चिपकाएं और साइन करें। अब इस दावा प्रपत्र को अपलोड कर जमा करना होगा। दावा सफलतापूर्वक प्रस्तुत करने पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज भेजा जाएगा……अब इस दावे को सहारा सोसाइटी 30 दिन के अंदर वैरिफाई करेगी। फिर सरकारी अधिकारी अगले 15 दिन में इस पर कार्रवाई करेंगे….. अनुमोदन होने पर राशि सीधे आपके आधार से जुड़े अकाउंट में जमा की जाएगी……सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों/जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था….. मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के बकाया के भुगतान के लिए ‘सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट’ से 5,000 करोड़ रुपए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) में ट्रांसफर किए जाएं…..
डिपॉजिटर्स को पैसा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आर सुभाष रेड्डी की निगरानी लौटाया जाना है। इस मामले में एडवोकेट गौरव अग्रवाल जस्टिस रेड्डी को असिस्ट करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2012 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) को इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने के निर्देश के बाद सहारा-सेबी एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे। जिसमें सहारा ग्रुप की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे।
सहारा देश की बड़ी प्राइवेट कंपनियों में से एक हुआ करती थी, जिसके 11 लाख से ज्यादा कर्मचारी थे। रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रीटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से लेकर स्पोर्ट्स तक सहारा इंडिया का बिजनेस फैला था। 11 सालों तक यह ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा। IPL में पुणे वॉरियर्स टीम के मालिक भी सुब्रत रॉय सहारा थे।
TEAM VOICE OF PANIPAT