वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- दिल्ली सरकार मंगलवार से अधिकारिक तौर पर शराब के कारोबार से बाहर हो रही है। शराब की 600 सरकारी दुकानें बंद होने के बाद बुधवार से नई आबकारी नीति के तहत वाक-इन सुविधा के साथ निजी दुकानें शुरू होंगी। आबकारी विभाग के खबरों के मुताबिक बुधवार से एक साथ 850 निजी शराब की दुकानें खुलने की संभावना कम है। सभी 32 जोन में शराब बेचने के लिए लाइसेंस जारी हो चुके हैं।
इधर, एक नवंबर 2021 से लाइसेंस शुल्क लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले को अवैध घोषित करने को लेकर 16 लाइसेंस धारकों की याचिका पर दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ को सूचित किया कि नई आबकारी नीति-2021 के तहत 200 ब्रांडेड शराब का पंजीकरण किया गया है, जबकि इनमें से 184 की एमआरपी तय कर ली गई है। दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने पीठ को बताया कि 200 में से 192 ब्रांड ने पंजीकरण शुल्क भी अदा कर दिया है। आठ में से तीन ने पंजीकरण वापस ले लिया है और अन्य के शुल्क जमा करने की प्रक्रिया चल रही है। सरकार के बयान के बाद पीठ ने दिल्ली सरकार को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 16 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
वहीं, दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी में शराब की दुकान खोलने के विरोध में लोगों ने सोमवार को दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर शराब की दुकान का आवंटन रद करने की मांग की। लोगों ने कहा कि कालकाजी डिपो के सामने दिल्ली सरकार ने शराब का ठेका खोलने का आदेश दिया है। इसका स्थानीय लोगों ने खुलकर विरोध किया। लोगों ने शांति प्रदर्शन करते हुए दिल्ली सरकार से अपनी बात रखी और मांग किया कि वहां शराब का ठेका न खोला जाए।
TEAM VOICE OF PANIPAT