वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- सनातम धर्म में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है.. यह खगोलीय घटना अमावस्या तिथि को होती है..वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य और पृथ्वी के मध्य चंद्रमा के आ जाने से सूर्य ग्रहण लगता है..ज्योतिषियों की मानें तो जब राहु-केतु, सूर्य या चंद्र का ग्रास करते हैं, तो ग्रहण लगता है..इस दौरान राहु का प्रभाव बढ़ जाता है.. अतः ग्रहण के समय शुभ कार्य करने की मनाही होती है.. साथ ही स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना पड़ता है.. खासतौर से गर्भवती महिलाओं को अपनी सेहत का बहुत ध्यान रखना चाहिए.. वर्ष 2024 में 4 ग्रहण लगने वाले हैं। इनमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण हैं.. आइए, साल 2024 में लगने वाले सूर्य ग्रहण के बारे में..
*सूतक*
ज्योतिषियों कि मानें तो ग्रहण से पूर्व के समय को सूतक कहा जाता है.. सूतक में शुभ कार्य करने की मनाही होती है.. सूर्य ग्रहण के दिन सूतक 12 घंटे का होता है.. इसका तात्पर्य यह है कि सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पूर्व सूतक प्रारंभ होता है.. वहीं, चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व सूतक लगता है.. अगर सूर्य और चंद्र ग्रहण नहीं दिखाई देता है, तो सूतक नहीं लगता है..
कब लगेगा पहला सूर्य ग्रहण?
ज्योतिषियों की मानें तो साल 2024 का पहला ग्रहण चैत्र अमावस्या को लगने वाला है..आसान शब्दों में कहें तो साल 2024 में पहला सूर्य ग्रहण 08 अप्रैल को लगेगा.. सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.. अतः सूतक मान नहीं होगा..इसके बावजूद ग्रहण के दिन शास्त्र नियमों का जरूर पालन करें..
कब लगेगा दूसरा सूर्य ग्रहण?
ज्योतिषियों की मानें तो साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण 02 अक्टूबर को लगेगा.. भारत में दूसरा ग्रहण भी दिखाई नहीं देगा.. अतः इस दिन भी सूतक मान्य नहीं होगा.. साथ ही ग्रहण काल में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.. इस मंत्र के जाप से राहु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है..
TEAM VOICE OF PANIPAT