वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- दिवाली के बाद आने वाले महापर्व यानि छठ पर्व चार दिनो तक मनाया जाता है…जिसकी शुरूआत आज यानी 17 नवंबर, शुक्रवार के दिन से हो रही है….आज नहाय खाय का पर्व मनाया जाएगा…. साथ ही इसका समापन 19 नवंबर को छठ पूजा के दिन संध्या अर्घ्य देकर किया जाएगा…
ऐसे में आइए जानते हैं नहाय खाय का पर्व महत्व और इससे जुड़े कुछ जरूरी नियम
नहाय खाय के दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर होगा…वहीं सूर्यास्त शाम 5 बजकर 27 मिनट पर होगा…ऐसे में 17 नवंबर शुक्रवार के दिन सुबह 11 बजकर 38 बजे तक नहाय खाय बरौना कर लेना चाहिए…
*नहाय खाय का महत्व*
नहाय खाय जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट होता है – स्नान करके भोजन करना…इस दिन नहाय खाय के दिन व्रत करने वाली महिलाएं नदी या तालाब में स्नान करती हैं…इसके बाद कच्चे चावल का भात, चना दाल और कद्दू या लौकी का प्रसाद बनाकर उसे ग्रहण करती हैं…माना जाता है कि नहाय खाय का ये भोजन साधक में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है…साथ ही ये भी माना जाता है कि इस दिन व्रत करने वाले साधक इस सात्विक द्वारा खुद को पवित्र कर छठ पूजा के लिए तैयार होते हैं..
*नहाय खाय के नियम*
नहाय खाय के दिन साफ-सफाई का विशेष महत्व होता है… इस दौरान कई नियमों का भी ध्यान रखा जाना जरूरी है… ऐसे में इस दिन प्रसाद का भोजन बनाते समय स्वच्छा का विशेष ध्यान रखना चाहिए…भोजन बनाने से पूर्व स्नान कर लें और हाथों की स्वच्छा का ध्यान रखें..भूलकर भी किसी जूठी चीज जैसे बर्तन का इस्तेमाल न करें। साथ ही इस दिन व्रती के साथ-साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी सात्विक भोजन ही करना चाहिए…
TEAM VOICE OF PANIPAT