वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- प्रत्यके वर्ष कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाया जाता है.. भाई दूज पर बहनों द्वारा अपने भाई की लंबी उम्र और सफल जीवन के लिए व्रत रखा जाता है.. हिंदू धर्म में हर व्रत-त्योहार के पीछे कुछ-न-कुछ नियम मौजूद होते हैं, जिनका ध्यान रखा जाए तो यह पर्व और भी मंगलमय हो जाते हैं..
शुभ मुहूर्त में करें तिलक :- भाई दूज के दिन बहने इस बात का ध्यान जरूर रखें कि भाई का तिलक शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए.. ऐसे में भाई दूज के दौरान शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक रहेगा.. बहनें इस शुभ मुहूर्त में अपने भाई का तिलक कर सकती हैं..
इस बात का रखें ध्यान:- भाई दूज के दिन बहने अपने भाई के सफल जीवन की कामना करते हुए व्रत रखती हैं.. ऐसे में इस दिन अपने भाई को टीका या तिलक लगाए बिना कुछ भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। आप चाहें तो निर्जला व्रत भी रख सकते हैं..
न पहले इस रंग के कपड़े:- भाई दूज के दिन वस्त्रों का चयन करते समय उनके रंगों का भी ध्यान रखें.. इस दिन भाई और बहन को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इसके स्थान पर लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है..
न करें ये काम:- भाई दूज, भाई बहन के प्रेम का पर्व है.. ऐसे में इस दिन भाई-बहन को एक-दूसरे से झूठ नहीं बोलना चाहिए..और न ही इस दिन मांस-मदिरा का सेवन करना चाहिए.. क्योंकि ऐसा माना गया है कि इन कार्यों को करने से व्यक्ति को यम के क्रोध का सामना करना पड़ता है..
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