वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- मां-बाप की पहली बरसी पर युवक भी जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। सिटी थाना क्षेत्र के सलारगंज गेट में एक स्कूल की ड्रेस पहने पहुंचे दो किशोरों ने एक युवक पर गंडासी से हमला कर दिया। किशोर ने युवक के शरीर पर ताबड़तोड़ दर्जनभर वार कर दिए। युवक का एक हाथ कटने की कगार पर है। भीड़ ने एक किशोर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी ने बताया कि एक महीना पहले हुई मारपीट का बदला लेने के लिए हमला किया। वहीं, एक निजी अस्पताल में युवक की हालत गंभीर बनी हुई है।
इंसार बाजार निवासी 19 वर्षीय विक्की ने बताया कि वह बाजार स्थित AP ज्वैलर्स पर काम करता है। आज ही के दिन एक साल पहले सलारगंज गेट पर उनके पिता मनोज और मां मनीषा की एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। आज मां-बाप की पहली बरसी होने के कारण घर में हवन होना था। इसलिए उसने गुरुवार को हाफ डे की छुट्टी ली थी। गुरुवार सुबह को वह अपने दोस्त से मिलने पैदल ही सुखदेव नगर आया था। जब वह कशिश स्टोर के पास पहुंचा तो पहले से ही ताक में खड़े बाइक सवार दो युवकों ने उस पर गंडासी से हमला कर दिया। कुछ ही सेकेंड में आरोपी ने उस पर गंडासी से दर्जनभर वार कर दिए। उसने गंडासी के वार को हाथ से रोकने का प्रयास किया तो हाथ पूरी तरह कटने से थोड़ा ही बचा है।
आसपास के लोगों ने दोनों हमलावर युवकों को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन एक भाग निकला। पकड़े गए किशोर ने ही गंडासी से हमला किया था। लोगों ने आरोपी को सिटी थाना पुलिस को सौंप दिया। घायल को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां, से उसे सिविल अस्पताल रेफर किया गया। यहां से घायल को फिर दूसरे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां, उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
विक्की के बड़े भाई विशाल ने बताया कि करीब एक महीना पहले विक्की सलारगंज गेट पर खड़ा था। हमला करने वाले दोनों किशोर भी वहीं थे। विक्की ने अपने दोस्त को फोन करके इसकी जानकारी दी। तब दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी। इसी का बदला लेने के लिए आरोपियों ने अब विक्की पर हमला किया है। लोगों द्वारा पकड़े गए मुख्य हमलावर उसका दोस्त शहर स्थित एक पब्लिक स्कूल में 10वीं में पढ़ते हैं। आरोपी ने बताया कि विक्की ने एक महीना पहले अपने 8-10 दोस्तों के साथ मिलकर उन्हें पीटा था। अब उसी का बदला लिया है। जतिन ने बताया कि वह विक्की को सबक सिखाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने खुद ही एक सप्ताह पहले गंडासी तैयारी की थी। किसी को गंडासी न दिखे, इसलिए उसे प्लास्टिक के बोरे में छिपाकर लाए थे।
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