वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्य):- हम सभी लोग अक्सर खाने-पीने की चीजों को पैक करने के लिए अखबार का इस्तेमाल करते हैं.. इतना ही नहीं कई लोग बाहर कुछ खाते समय भी न्यूजपेपर का ही इस्तेमाल करते हैं.. हम में से कई लोगों ने कभी न कभी ऐसा जरूर किया होगा.. अगर आप भी इस आदत के शिकार हैं, तो ये खबर आपके काम की है.. आपको बता दे कि हाल ही में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है.. FSSAI ने खाने के लिए अखबार के इस्तेमाल से जुड़े स्वास्थ्य खतरों पर चिंता जताते हुए लोगों और फूड वेंडर्स को अखबार का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है.. FSSAI के मुताबिक अखबारों में इस्तेमाल होने वाली स्याही (Ink) में कई खतरनाक केमिकल्स होते हैं, जो गंभीर बीमारियों की वजह बन सकते हैं.. लंबे समय तक इस पर खाने से कैंसर का खतरा तक बढ़ जाता है..
आइए जातने हैं इसके अन्य दुष्परिणामों के बारे में..
केमिकल ट्रांसफर:- अखबार अपने आसपास से गंध, नमी और अन्य चीजों अब्जॉर्ब कर लेते हैं। इसके अलावा आसपास मौजूद अस्वच्छ वातावरण की वजह से न्यूजपेपर में कई केमिकल ट्रांसफर हो जाते हैं, जिससे खाना दूषित हो जाता है और खाने के साथ हमारे शरीर में चले जाते हैं।
पाचन संबंधी समस्याएं:- अखबार में इस्तेमाल होने वाला कागज खाने के इस्तेमाल के लिए नहीं बनाया गया है। ऐसे में इस कागज पर खाना खाने से पाचन से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। समाचार पत्र खाने से अपच, गैस या अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जो संवेदनशील पेट या पाचन समस्याएं वाले व्यक्तियों हानिकारक हो सकता है।
स्याही से नुकसान:- अखबार में इस्तेमाल होने वाली स्याही यानी इंक में सीसा समेत विभिन्न केमिकल होते हैं, जिन्हें निगलना हानिकारक हो सकता है। आप जब पेपर पर गर्म या गीला खाना रखते हैं, तो इंक उसमें लग जाती है और इस तरह आपके शरीर में प्रवेश कर जाती है। लगातार इसके शरीर में जाने से गंभीर समस्या हो सकती है।
माइक्रोबियल कंटेमिनेशन:- न्यूजपेपर के प्रिंटिंग, पैकेजिंग और डिस्ट्रिब्यूशन प्रोसेस के दौरान यह विभिन्न सतहों और वातावरणों के संपर्क में आते हैं, जिसकी वजह से इसमें काफी सारे कीटाणु लग जाते हैं। गंदे हाथ, अस्वच्छ भंडारण की वजह से इसके जरिए ई.कोली या साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे कई बीमारियां हो सकती है।
TEAM VOICE OF PANIPAT