वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्य):- गिलोय इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक है, जिसे खासतौर पर इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जाना जाता है.. लोग इसका इस्तेमाल सामान्य स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, बुखार, संक्रमण और मधुमेह सहित कई समस्याओं के इलाज के लिए करते हैं.. ज्यादातर लोगों ने इस भयानक बीमारी से अपने बचाव के लिए गिलोय इस्तेमाल करते है, हालांकि इसके कई सारे लोग अभी तक इसके फायदों से अनजान हैं.. आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों गिलोय को आपको अपनी डाइट में कैसे शामिल करना चाहिए..
गिलोय (टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया) मूल रूप से भारत में पाया जाता है.. यह एक बेल है, जो किसी के सहारे ऊपर चढ़ती है। इसे आयुर्वेदिक और फोक मेडिसिन में एक जरूरी हर्बल पौधा माना जाता है.. जिसे लोग इसे कई प्रकार की स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज के रूप में इस्तेमाल करते हैं.. गिलोय को गुडूची और अमृता भी कहा जाता है.. “गिलोय” शब्द एक हिंदू पौराणिक शब्द है.. वहीं, संस्कृत में, “गुडुची” का अर्थ है कुछ ऐसा जो पूरे शरीर की रक्षा करता है और “अमृत” का अर्थ अमरता है..
*गिलोय के फायदे*
गिलोय से विभिन्न तरह के स्वास्थ्य लाभ होते है। यह कई तरह के रोगों को शरीर से दूर रखने में सहायक है। जानते है इससे मिलने वाले फायदों के बारे में..
.1 डेंगू से करे बचाव – पहले डेंगू के उपचार में गिलोय का उपयोग किया जाता था.. गिलोय में एंटीपायरेटिक तत्व होते है जो बुखार के मरीज के लिए बहुत फायदा करते है.. इसके सेवन के लिए गिलोय का हरा तना लें.. सबसे पहले इसे धोएं अब एक बर्तन लें.. इसमें २ ग्लास पानी डालकर गिलोय के हरे तने को उबाले.. पानी का रंग जब तक हरा ना हो जाए तब तक पानी को उबालें.. अब इस पानी को छान लें फिर इसका सेवन कर सकते है..
.2 खून की कमी दूर करने में सहायक – शरीर में खून की कमी को दूर करता है.. गिलोय में टीनोस्पोरिन, पामेरिन, ग्लूकोसाइड टीनोस्पोरिक एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो खून को बढ़ाने में मदद करते है.. इसके लिए गिलोय के हरे डंठल का जूस बनाकर पिएं.. जो एनीमिया से पीड़ित है उन्हें गिलोय का सेवन जरूर करना चाहिए..
.3 इम्युनिटी बूस्टर – यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला होता है.. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय का उपयोग करना फायदेमंद होता है.. मार्केट में इम्यूनिटी बढ़ाने की बहुत सी दवाएं मिलती है लेकिन गिलोय सबसे अच्छा और सस्ता होने के साथ ही नेचुरल उपाय है..
.4 पीलिया के रोग में – पीलिया रोग में गिलोय जूस के फायदे होते है.. पिलिया के मरीज को गिलोय के पत्तों का रस पिलाना लाभकारी होता है..इसकी पत्तियों को तोड़कर इसे पीस लें और इसे छानकर इसके रस का सेवन करे.. इससे पीलिया में आए बुखार और दर्द से राहत मिलती है..
.5 कान की बीमारी में – कान में जमा मैल, कान दर्द या कान की किसी भी तरह की बिमारी में फायदा पहुँचाने के लिए गिलोय का उपयोग किया जाता है.. गिलोय के तने को पानी में घिसे जो रस निकले उसे गुनगुना कर लें.. इसकी कान में २ बून्द दिन में दो बार डालें.. लेकिन इसका उपयोग करने के पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें..
.6 एसिडिटी –जिन लोगों को अक्सर एसिडिटी बनी रहती है उन्हें गिलोय का सेवन करना चाहिए.. इससे एसिडिटी की समस्या में आराम मिलता है.. गिलोय के रस का गुड़ और मिश्री के साथ सेवन करे.. शहद के साथ भी इसका सेवन करने से एसिडिटी में लाभ होता है..
.7 आँखों के रोग में – आँखों में चुभन होना, आँखों के सामने अँधेरा छा जाना, काला तथा सफेद मोतियाबिंद के रोग से गिलोय राहत दिलाने में बहुत मदद करता है.. १० मिली गिलोय के रस में १ ग्राम शहद व सेंधा नमक मिलाएं मिलाकर इसे खरल में पीस लें..काजल की तरह आप इसे आँखों में लगाएं..
TEAM VOICE OF PANIPAT