वायस ऑफ पानीपत (ब्यूरो):- पानीपत के रहने वाले एक बड़ी उद्यमी से एक लोन चुकाने वाली कंपनी ने इकरानामा होने के बाद कागजातों का गलत तरीके से कूटरचित दस्तावेजों प्रयोग कर 7 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कर ली है.. दिल्ली की एक कंपनी ने उद्यमी की फर्म के साथ उसकी रिहायशी प्रॉपर्टी को भी कब्जा लिया है.. कोर्ट के आदेश के बावजूद कंपनी के फ्रॉड कर्मचारियों ने सब कुछ कब्जा लिया.. इसकी शिकायत पीड़ित ने कष्ट निवारण समिति की बैठक में की.. बैठक में निर्देशों पर पानीपत की चांदनीबाग थाना पुलिस ने 2 महिलाओं समेत 9 के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है..
बता दे की शिकायत चांदनीबाग थाना पुलिस को दी गई है.. उद्यमी रामप्रकाश चुघ ने बताया कि वह सेक्टर 11 का रहने वाला है.. उसकी फर्म ने HSBC और सिटी बैंक से सेटलमेंट किया था.. उस सेटलमेंट का आधा यानी 7 करोड़ फर्म ने दिया था, बाकी पैसा उन्होंने नई दिल्ली स्थित इस्टेट केयर एंड रिकस्ट्रसट्रक्शन इन्टरप्राइजिज लिमिटिड (ACRE) से लिया था.. उक्त लोन को चुकाने के लिए ACRE से दोनों बैंकों का मिलाकर 7 करोड़ रुपए में एग्रीमेंट हुआ था.. एग्रीमेंट के बावजूद ACRE ने धोखाधड़ी करके कूटरचित डीड साइन करा लिया..
ये धोखाधड़ी कर ACRE ने उनकी सम्पति पर कब्जा कर लिया। इतना ही नहीं, ACRE ने कोर्ट के फैसले से बाहर जाते हुए उसकी प्रीतमपुरा की प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लिया.. जबकि प्रीतमपुरा प्रॉपर्टी पर उसने कभी लोन नहीं लिया और न कभी मोरगेज रखी.. आरोपियों ने मिलीभगत कर दिल्ली के तरुण ऐनक्लेव स्थित उसकी रिहायशी जमीन को भी हड़प लिया..
बता दे की पीड़ित ने इसकी शिकायत कष्ट निवारण समिति की बैठक में की.. जहां मंत्री कंवर पाल ने इस पर केस दर्ज करने के निर्देश दिए.. इसके बाद पुलिस ने संजय बिहारी, मनीष जैन, RR महापात्रा, नीता मुखर्जी, एसजी कुंडू, शिव कुमार, सुधा रानी, विनोद कुमार अग्रवाल व पुनीत गर्ग के खिलाफ केस दर्ज किया है..
TEAM VOICE OF PANIPAT