वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- दिल्ली हाईकोर्ट ने आज उस जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें आरोपी के अधिकारों पर विचार करके आपराधिक मामलों में रिपोर्टिंग के लिए मानक नियम बनाने, मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने और पहलवान सुशील कुमार के खिलाफ मामले में सनसनीखेज रिपोर्टिंग को रोकने की मांग की गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि छत्रसाल स्टेडियम में हुए झगड़े के संबंध में पहलवान सुशील कुमार खिलाफ मामले की मीडिया रिपोर्टिंग से उनके करियर तथा साख को नुकसान पहुंचा है।
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 23 वर्षीय पहलवान सागर की हत्या से जुड़े मामले की मीडिया कवरेज पर रोक लगाने और आपराधिक मामले की रिपोर्टिंग के लिए दिशानिर्देश तय करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे व्यक्ति के लिए जनहित याचिका दायर नहीं की जा सकती जिसे सब जानते हैं।
चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने कहा कि एक जागरूक व्यक्ति कुमार की तरफ से दायर याचिका में दावा किया गया है कि मीडिया ने हत्या के ऐसे मामले में अपनी रिपोर्टिंग से उनकी छवि बिगाड़ी है जिसमें वह एक आरोपी हैं। कोर्ट ने कहा कि आप एक व्यक्ति के लिए जनहित याचिका दायर नहीं कर सकते। हमें एक जागरूक व्यक्ति की तरह से मुकदमे पर सुनवाई करने की कोई वजह नजर नहीं आती। इसके साथ ही कोर्ट ने कानून के एक छात्र द्वारा दायर याचिका का निस्तारण कर दिया।
बता दें कि गत 23 मई को कोर्ट ने पहलवान सुशील कुमार और अजय कुमार को छह दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। सुशील पहलवान को मुंडका से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से सागर धनखड़ पहलवान हत्या का आरोपी पहलवान सुशील कुमार लगातार मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। इसी पर रोक लगाने की मांग लेकर आरोपी सुशील कुमार की मां की तरफ से रोक लगाए जाने की मांग की गई थी।
TEAM VOICE OF PANIPAT