वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- दीपावली के बाद वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख सभी के सामने है। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मंगलवार को केंद्र इस मुद्दे पर पड़ोसी राज्यों के साथ एक आपात बैठक करने वाला है। इस बैठक का मकसद उन उपायों पर गौर करना और उनका समाधान करना है जिनकी वजह से हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। आज होने वाली बैठक दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा शामिल होंगे।
इस बैठक के नतीजों के आधार पर प्रदूषण से लड़ने की कार्ययोजना तैयार कर केंद्र को उसे बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करना है। बुधवार को इस मामले में अगली सुनवाई है। पहले शनिवार और फिर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिगड़ते हालातों पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से पूछा था कि वो कोर्ट को बताए कि प्रदूषण को रोकने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं।
हालांकि कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान ही दोनों सरकारों के बीच खींचतान भी दिखाई दी। केंद्र की तरफ से इस मामले में पेश सालिसिटर जनरल का कहना था कि दिल्ली सरकार विज्ञापन के ऊपर बेतहाशा खर्च कर रही है, जबकि प्रदूषण को रोकने का उपाय नहीं कर रही है। वहीं दिल्ली सरकार का कहना था कि पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली की वजह से दिल्ली की हवा खराब हो रही है। इस पर केंद्र की तरफ से कहा गया था कि पराली का प्रदूषण में अधिकतम दस फीसद का ही योगदान होता है।
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