वायस ऑफ पानीपत (ब्यूरो):- पानीपत शहर में भ्रूण लिंग जांच करने वाले भाई-बहन को पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रंगेहाथ पकड़ा है.. स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बहन-भाई को लिंग जांच कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.. युवक ने स्वास्थ्य विभाग की डिकॉय से गर्भ में पल रहे भ्रूण की लिंग जांच कराने के नाम पर 24 हजार रुपये लिए थे.. उन्होंने सनौली रोड स्थित गर्ग डायग्नोस्टिक सेंटर में अल्ट्रासाउंड कराकर गर्भ में लड़का बताया था.. पुलिस जब आरोपी की बहन को उसके देशराज कॉलोनी स्थित घर पर पकड़ने गई तो उसने छत से कूदकर भागने का प्रयास किया, लेकिन किला थाने पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.. आरोपियों से 24 हजार रुपये बरामद कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया..

सिविल सर्जन डॉ. जयंत आहूजा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बोडा गांव निवासी सन्नी के लिंग जांच संलिप्त होने की सूचना मिली थी.. उन्होंने एक डिकॉय को तैयार किया और उपायुक्त वीरेंद्र दहिया को इसकी सूचना दी.. उन्होंने डीडीपीओ सुमित चौधरी को इसके लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया.. पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. पवन कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया.. इसमें डॉ. रिंकू सांगवान व डॉ. एकता बठला शामिल थीं। टीम के कहे अनुसार डिकॉय ने सन्नी से संपर्क किया और लिंग जांच कराने की बात कही। सन्नी ने लिंग जांच के लिए उससे 24 हजार रुपये मांगे। पीएनडीटी टीम ने फर्जी ग्राहक को 500 रुपये के 48 नोट दिए। सन्नी ने महिला को देशराज कॉलोनी में बुलाया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की टीम सन्नी से लगभग 100 मीटर दूर रही। सन्नी महिला को कार में बैठाकर अपने साथ सनौली रोड स्थित गर्ग डायग्नोस्टिक सेंटर में ले गया। यहां उसने महिला का अल्ट्रासाउंड कराकर गर्भ में लड़का बताया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तुरंत उसे पकड़ लिया। पुलिस ने गर्ग डायग्नोस्टिक सेंटर की जांच की तो यहां अल्ट्रासाउंड के लिए 1200 रुपये की पर्ची कटी मिली। सन्नी से 24 हजार रुपये के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि उसने अपनी बहन सुमन को 22 हजार रुपये दिए हैं। उसके पास दो हजार ही हैं। लिंग जांच के इस अपराध में उसकी बहन सुमन भी शामिल है। जैसे ही पुलिस सुमन के देशराज कॉलोनी स्थित घर पहुंची तो उसने छत से छलांग लगा दी। पुलिस ने पीछा कर उसे पकड़ लिया। उसके घर से 22 हजार रुपये बरामद किए गए। दोनों को पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस इस मामले में अल्ट्रासाउंड केंद्र के शामिल होने या न होने की जांच कर रही है।
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