वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आठ प्रदेशों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की है। हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को भी बदल दिया गया है। उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया है, जबकि हरियाणा के राज्यपाल अब बंडारू दत्तात्रेय होंगे। बंडारू दत्तात्रेय फिलहाल हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल हैं। हरियाणा के 18वें राज्यपाल बने दत्तात्रेय राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं और पड़ोसी राज्य में ही पदस्थ होने के चलते हरियाणा की सियासी पृष्ठभूमि से अच्छे से वाकिफ हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहते भी दत्तात्रेय का हरियाणा से विशेष जुड़ाव रहा। दत्तात्रेय को सितंबर 2019 में हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इस प्रकार उनका कार्यकाल सितंबर 2024 तक होगा। अर्थात वह हरियाणा में पूरे पांच वर्ष नहीं, बल्कि करीब तीन साल तक राज्यपाल के पद पर रहेंगे।
केंद्र सरकार में तीन बार मंत्री और चार बार सांसद रह चुके बंडारू दत्तात्रेय मूल रूप से तेलंगाना के रहने वाले हैं. हैदराबाद स्थित उस्मानिया विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री लेने के बाद संघ प्रचारक के तौर पर राजनीतिक करियर शुरू किया। देश में आपातकाल के दौरान उन्होंने जेल भी काटी। वर्ष 1980 में दत्तात्रेय ने भाजपा की सदस्यता ली और आंध्र प्रदेश ईकाई के सचिव बन गए। अगले ही साल पार्टी ने महासचिव बना दिया। दो बार आंध्र प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे और फिर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे।
1991 में पहली बार सांसद बने दत्तात्रेय स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पहली बार केंद्रीय मंत्री बने थे। साल 1998 में वह दूसरी बार चुनाव जीते और वाजपेयी सरकार में शहरी विकास मंत्री बनाए गए। इसके बाद 1999 में फिर से वह जीत हासिल कर संसद पहुंचे और रेल राज्यमंत्री बने। इसके बाद साल 2014 में वह अपनी सिकंदराबाद सीट से चुनाव जीते और मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री श्रम एवं रोजगार (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया था।
उनके लंबे राजनीतिक अनुभव का लाभ लेने के लिए बाद में उन्हें हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंप दी गई। हैदाराबाद में 12 जून 1947 को जन्मे दत्तात्रेय दत्तन्ना के नाम से मशहूर रहे हैं। वर्ष 1989 में वसंता से विवाह किया। उनके दो बच्चे पुत्र नामित वैष्णव बंडारू और बेटी विजया लक्ष्मी हैं।
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