वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- बीजेपी नेता बबीता फौगाट ने बुधवार को आंदोलनकारी किसानों पर निशाना साधा। फौगाट ने कहा कि आंदोलनकारी खेत में काम करने वाले किसान नहीं हैं, ये केवल विपक्ष व फेसबुकिया लोगों का जमावड़ा है। उन्होंने कहा कि ये वो लोग हैं जो कुछ सुनना नहीं चाहते, केवल उपद्रव करते हैं। वहीं सोनीपत में आयोजित प्रेस वार्ता में बबीता भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि तिरंगे का अपमान करने वाले किसान नहीं हो सकते, किसान तो देश से प्रेम करने वाला और भोला होता है। रविवार सुबह चरखी दादरी के गांव बिरही कलां में किसानों ने कन्नी प्रधान राजकरण पांडवान की अगुवाई में बबीता फौगाट को काले झंडे दिखाए। किसान सड़क पर लेट गए और इससे बबीता फौगाट की गाड़ी के आगे चल रही पीसीआर को भी रुकना पड़ा।
प्रेस कांफ्रेंस में फौगाट ने कहा कि जब मैंने मेडल जीते थे तो किसी एक क्षेत्र या एक समाज के लिए नहीं जीते थे। आज उनकी गाड़ी पर डंडे बरसाए जा रहे हैं, गालियां दी जा रही हैं। उनकी गाड़ी में उनका बेटा भी था, अगर उसे कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता। बबीता ने आरोप लगाया कि किसानों की आड़ में विपक्ष के लोग लाठियां बरसा रहे थे। ऐसे लोग प्रदेश का माहौल खराब कर रहे हैं। बबीता ने कहा कि सरकार बातचीत को तैयार हैं लेकिन जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है, उससे अब कहीं निकलना भी दूभर हो गया है। आखिर वह अपने घर या क्षेत्र में जाने से कैसे रुक सकती हैं।
बड़ी संख्या में साथ चल रहे पुलिस बल ने कड़ी मशक्कत के बाद रास्ता खुलवाया। विरोध के कारण बबीता फौगाट को अपना बिरही कलां गांव का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा और वापस दादरी लौटना पड़ा। इससे पहले किसानों को जैसे ही बबीता फौगाट के आने की सूचना मिली वो बिरही कलां अड्डे पर जुट गए।
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