वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- HARYANA में 2010 के बाद अब पहली बार 8वीं की बोर्ड परीक्षा ली जाएगी। हरियाणा में इसी शैक्षणिक सत्र से 8वीं की बोर्ड परीक्षा होगी। सरकारी और निजी स्कूलों के 4.76 लाख विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। सरकारी स्कूलों में 8वीं कक्षा में 2.41 लाख व निजी स्कूलों में 2.35 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था जिस पर मुहर लगा दी गई है।
बता दें कि निदेशक मौलिक शिक्षा अंशज सिंह की ओर से बोर्ड चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह को 21 दिसंबर को इस संबंध में पत्र भेज दिया है। सीबीएसई, आईसीएसई सहित नौ बोर्ड के बच्चों की 8वीं की परीक्षा अब भिवानी बोर्ड लेगा। चेयरमैन को भेजे गए पत्र में इसका उल्लेख किया गया है। निदेशक ने कहा है कि बोर्ड मार्च में होने वाली परीक्षा की तैयारी अभी से शुरू कर दे। बता दें कि आखिरी बार हरियाणा में 2010 में 8वीं की बोर्ड परीक्षा हुई थी। नो डिटेंशन पॉलिसी आने के बाद आठवीं-पांचवीं का बोर्ड खत्म कर दिया गया। इसके बाद विद्यार्थियों को मूल्यांकन परीक्षा लेकर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाने लगा। इससे बच्चों के सीखने व पठन-पाठन का स्तर गिरा। नौवीं कक्षा में जाने पर बच्चों को दिक्कत आने लगी। जिससे दसवीं में बच्चे पूर्व की भांति बोर्ड परीक्षा में नंबर नहीं ला पाए।
जानकारी के लिये बता दें कि बोर्ड परीक्षा खत्म होने पर 10वीं बोर्ड का रिजल्ट प्रतिशत काफी गिरा। इसकी काफी आलोचना भी हुई। इस पर प्रदेश सरकार ने आठवीं का बोर्ड दोबारा बनाने की प्रक्रिया शुरू की, जो अब जाकर सिरे चढ़ी है। हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष प्रशांत मुंजाल ने कहा कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी का वर्ष 2021-22 से सीबीएसई, आईसीएसई व अन्य बोर्ड से संबंद्ध निजी स्कूलों की आठवीं की परीक्षा लेना गलत है। अन्य बोर्ड में शिक्षा हासिल करने वाला बच्चा हरियाणा बोर्ड की परीक्षा कैसे दे सकता है। अगर यह फैसला थोपने का प्रयास किया गया तो हाईकोर्ट का सहारा लिया जाएगा।
TEAM VOICE OF PANIPAT