वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- पानीपत में 16 साल की अंशिका और 21 साल के सूरज पंडित साधु और साध्वी बनेंगे.. दोनों आज पानीपत की श्री एसएस जैन सभा गांधी मंडी में दीक्षा ग्रहण करेंगे.. उत्तर प्रदेश के रहने वाले सूरज पंडित घराने से है.. उनके पिता विश्राम पंडित खेती करते हैं.. वहीं अंशिका दिल्ली की रहने वाली है.. वह माता-पिता के साथ गुरुओं के दर्शन करने पानीपत आई थी.. यहां गुरुओं को देखकर ऐसा ही जीवन जीने की इच्छा मन में जागी और फिर माता-पिता को भी मनाया.. सूरज और अंशिका लगभग 4 वर्षों से जैन धर्म की शिक्षाओं का अनुसरण कर रहे हैं..

*गुरुओं के दर्शन करने जाती थीं अंशिका*
अंशिक का जन्म दिल्ली के द्वारिका में हुआ था.. अंशिका 16 साल की आयु में ही संसार की सुख सुविधाओं को त्याग रही है.. उनके पिता सुभाष बंसल दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं.. परिवार में उनकी मां, एक भाई व दो बहनें हैं.. अंशिका परिवार के साथ गुरु के दर्शनों के लिए जाती थीं.. 4 वर्ष पहले गुरु दर्शन के लिए पानीपत आई तो उसे ऐसे लगा जैसे सबकुछ मिल गया हो.. उसने माता-पिता को यह इच्छा जताई.. फिर श्रमणी गौरव महासाध्वी शक्ति प्रभा के चरणों में बच्ची को अर्पण कर दिया..
*मास्क पहने गुरुओं को देखा तो ये जीवन चुना*
सूरज उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के दुरगुडवा गांव के रहने वाले हैं.. पिता विसराम पंडित और मां सुनीता पंडित हैं..गांव में उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की.. दिल्ली में पहली बार जैन संत ओजस्वमी वक्ता रमेश मुनि महाराज को देखा.. उनके मन में पहला ही प्रश्न था कि जैन संत मुंह क्यों ढक कर रखते हैं, बोलते कैसे हैं.. फिर उन्होंने इसी मार्ग पर चलने की इच्छा जाहिर की..
TEAM VOICE OF PANIPAT