वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- पेरिस ओलंपिक में हरियाणा के छोरे अमन सहरावत ने भारत को पहला मेडल दिलाया.. उन्होंने 57kg वेट कैटेगरी में प्यूर्टो रिको के डरलिन तुई क्रूज को 13-5 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता.. अमन ने ये मेडल अपने दिवंगत माता-पिता और देश को समर्पित किया.. उन्होंने 11 साल की उम्र में माता-पिता को खो दिया था.. पिता का सपना था कि बेटा मेडल जीते..
वहीं 21 साल के अमन भारत के सबसे युवा ओलंपिक मेडलिस्ट बन गए है.. इसी के साथ अमन ने भारतीय रेसलर्स की उस विरासत को आगे बढ़ाया जिसकी नीव 1952 में कड़ी जाधव ने ब्रॉन्ज जीतकर रखी थी.. भारतीय रेसलर्स ने लगातार 5वें ओलिंपिक खेलों में मेडल जीता है.. वहीं अमन सहरावत गुरुवार को सेमीफाइनल मैच हार गए थे.. उन्हें जापान के पहलवान ने 10-0 से पटखनी दी.. सेमीफाइनल के बाद अमन का वजन 61.5 KG हो गया था, जो उनकी वेट कैटेगरी 57 किलोग्राम से 4.5 किलो ज्यादा था.. अमन और उनके कोच ने महज 10 घंटे के अंदर 4.6 KG वजन घटाया..इसके लिए रात में डेढ़ घंटे का मैट सेशन किया.. जिम में ट्रेडमिल पर एक घंटे तक बिना रुके दौड़ लगाई.. नींबू और शहद के साथ गुनगुना पानी और थोड़ी-सी कॉफी पीने को दी गई.. अमन के दादा मांगेराम सहरावत ने कहा कि पोता गोल्ड मेडल से चूक गया, लेकिन ब्रॉन्ज मेडल ले आया.. हम बहुत खुश हैं.. गोल्ड मेडल की कमी को पोता अगले ओलिंपिक में पूरा करेगा.. हमें बहुत अच्छा लग रहा है..
TEAM VOICE OF PANIPAT