वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- हरियाणा सरकार ने कबूतरबाजों पर नकेल कसने की तैयारी की है.. बजट सत्र के दौरान विधानसभा में हरियाणा ट्रैवल एजेंट पंजीकरण विनियमन एक्ट लाया गया है.. इसके तहत अब हरियाणा में कबूतरबाजी पर 10 साल की सजा होगी और 5 लाख रुपए का जुर्माना लगेगा.. साथ ही दोषी व्यक्ति की प्रॉपर्टी भी जब्त कर ली जाएगी.. इसके अलावा अब सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन करना भी लोगों को भारी पड़ेगा.. इसके लिए सरकार ने कानून बनाकर विधानसभा में पारित कर दिया है.. सरकार ने मंगलवार को हरियाणा शव सम्मान विधेयक को विधानसभा में रखा था.. कांग्रेस विधायकों की आपत्ति के संशोधित विधेयक पेश किया गया..
हरियाणा में अब तक 2 SIT बन चुकी
हरियाणा में कबूतरबाजों पर लगाम लगाने के लिए गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री ने पूर्व IPS अधिकारी भारती अरोड़ा की अध्यक्षता में एक SIT-1 बनाई थी। इस SIT ने अपने कार्यकाल के दौरान 593 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया..साथ ही कबूतरबाजों से लगभग 1 करोड़ 81 लाख 57 हजार 800 रुपए भी रिकवर किए.. 17 अप्रैल 2023 को विज के निर्देश पर IPS ऑफिसर सिवाश कविराज की अध्यक्षता में एक ओर SIT-2 गठित की गई.. इस टीम ने अब तक 604 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 3 करोड़ 3 लाख 4 हजार रुपए रिकवर करने में सफलता पाई..
क्या है कबूतरबाजी की सजा
कबूतरबाजी को लेकर पास हुए विधायक के तहत दोषी को 3 से 10 साल की सजा का प्रवाधान है.. साथ ही 2 से 5 लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा.. एक्ट में दोषी व्यक्ति की प्रॉपर्टी भी जब्त करने का प्रावधान है.. यह भी प्रावधान किया गया है कि अब कोई भी ट्रैवल एजेंट बिना रजिस्ट्रेशन के कार्य नहीं कर सकेगा.. अब सरकार इसमें एक और नियम बनाने जा रही है, कि ट्रैवल एजेंटों के वित्तीय लेनदेन को भी सरकार फ्रीज करेगी.. सदन में डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने यह सुझाव गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को दिया..
शव को रखकर नही कर पाएंगे प्रदर्शन
हरियाणा राज्य में शव के बुनियादी मानवधिकारों को बनाए रखने, शव के सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार के लिए और उससे संबंधित मामलों के लिए विधेयक को संशोधित करने के लिए हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, 2024 पारित किया है। अब यदि कोई व्यक्ति या समुदाय शव को रखकर प्रदर्शन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। यदि परिवार के सदस्य किसी शव को अस्वीकार कर देते हैं, जिससे वह अंतिम संस्कार से वंचित हो जाता है तो सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा ऐसे शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए यह आवश्यक है। इसलिए यह बिल लाया गया है।
TEAM VOICE OF PANIPAT