वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि आयुर्वेद और उसके MD आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस जारी किया है.. सुनवाई के दौरान जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि आप में (पतंजलि) कोर्ट के आदेश के बाद भी यह विज्ञापन लाने का साहस रहा.. अब हम सख्त आदेश पारित करने जा रहे हैं। हमें ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि आप कोर्ट को उकसा रहे हैं। कोर्ट ने सरकार के खिलाफ भी सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा- पूरे देश को धोखा दिया जा रहा है और सरकार आंख मूंद कर बैठी है..
*केस की अगलि सुनवाई 15 मार्च को होगी*
IMA की ओर से कोर्ट में पेश हुई सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया ने कहा कि पतंजलि ने योग की मदद से मधुमेह और अस्थमा को ‘पूरी तरह से ठीक’ करने का दावा किया था। कोर्ट ने अगली सुनवाई 15 मार्च को तय की है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 2022 में पतंजलि के खिलाफ ये याचिका दायर की थी। IMA की शिकायत के अनुसार बाबा रामदेव सोशल मीडिया पर एलोपेथी के खिलाफ गलत जानकारी फैला रहे हैं।
*एक-एक जुर्माना की चेतावनी*
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए. अमानुल्लाह की बेंच ने पहले के आदेशों का पालन नहीं करने के लिए आलोचना भी की. पिछले साल कोर्ट ने कंपनी को विज्ञापनों पर रोक लगाने का आदेश दिया था. नवबर महीने में कोर्ट ने पतंजलि से कहा था कि अगर आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो जांच के बाद कंपनी के तमाम प्रोडक्ट्स पर एक-एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा..
TEAM VOICE OF PANIPAT