वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए हरियाणा सरकार के इंतजामों का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली के वकील ने यह याचिका दायर कर बॉर्डर बंद करने और इंटरनेट पर रोक को चुनौती दी है.. हाईकोर्ट में आज इस पर सुनवाई होगी.. याचिका दायर करने वाले दिल्ली के वकील उदय प्रताप ने कहा कि किसानों ने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करना है.. इसके बावजूद हरियाणा सरकार ने पंजाब से लगते बॉर्डर सील कर दिए हैं.. इसके अलावा 15 जिलों में धारा 144 लगाई गई है.. 7 जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है.. उन्होंने दलील दी कि बॉर्डर बंद करने और मोबाइल इंटरनेट, SMS बंद किए जाने से एक तरफ किसानों के लोकतांत्रिक अधिकार का हनन किया जा रहा है तो दूसरी तरफ आम लोगों को भी परेशान किया जा रहा है..
हरियाणा सरकार ने किसानों के दिल्ली कूच को लेकर प्रदेश के 7 जिलों में तीन दिन के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया.. यह सभी जिले पंजाब की सीमा से सटे हुए हैं.. होम सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद ने इसको लेकर ऑर्डर जारी किए थे.. जहां इंटरनेट बंद है, उनमें अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिला शामिल हैं.. इन जिलों में 11 फरवरी को सुबह 6 बजे से 13 फरवरी की रात 11.59 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं..आदेशों के अनुसार, वॉट्सऐप, फेसबुक, X आदि के माध्यम से मैसेज नहीं भेजे जा सकेंगे.. लोगों की सुविधा को देखते हुए इस अवधि के दौरान पर्सनल मैसेज भेजने, फोन रिचार्ज करने, बैंकिंग SMS, वॉयस कॉल, ब्रॉडबैंड के माध्यम से इंटरनेट सर्विस, कॉर्पोरेट और घरेलू लाइन सुचारु रूप से जारी रखी गई हैं..
जनहित याचिका में तर्क दिया गया है कि पुलिस द्वारा बलों के अनुचित उपयोग और डराने-धमकाने की रणनीति के साथ इस तरह की कार्रवाई न केवल मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है, बल्कि लोकतंत्र और कानून के शासन के सिद्धांतों को भी कमजोर करती है.. याचिका में उन्होंने हरियाणा और पंजाब सरकार के साथ चंडीगढ़ प्रशासन को भी पार्टी बनाया है। उन्होंने हाईकोर्ट से मांग की कि हरियाणा सरकार के किसानों के शांतिपूर्वक प्रदर्शन को रोकने के लिए उठाए सभी कदमों पर तत्काल रोक लगाई जाए..
TEAM VOICE OF PANIPAT