April 19, 2025
Voice Of Panipat
Big Breaking NewsHaryanaHaryana NewsIndia NewsLatest NewsPanipat

19 साल बाद सावन में बन रहा है ये दुर्लभ संयोग, रक्षाबंधन पर पड़ेगा ये प्रभाव

वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्य):- कल 4- जुलाई -2023 से शिवजी की आराधना का महापर्व शुरू हो रहा है। इस वर्ष सावन 58 दिनों का होगा यानी शिवजी की पूजा-पाठ और भक्ति के लिए सावन का महीना दो माह का होगा। 4 -जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू होकर 31-अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 18-जुलाई से 16-अगस्त तक अधिक मास रहेगा। इसी कारण से इस वर्ष सावन का महीना 2-महीने का होगा। इस दौरान कई  त्योहार मनाए जाएंगे। 6 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी, 13 जुलाई को कामिका एकादशी, 15 जुलाई को मासिक शिवरात्रि, 17- जुलाई को श्रावण माह की अमावस्या, 19 अगस्त को हरियाली तीज, 21 अगस्त नाग पंचमी, 30 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में होते हैं। ऐसे में सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में रहता है। अधिकमास के चलते इस बार चातुर्मास चार के बजाय पांच महीनों का होगा।

सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना पांचवां महीना होता है।  आषाढ़ खत्म होते ही श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से सावन का पवित्र महीना शुरू हो जाता है। इस माह को श्रावण के नाम से भी जाना जाता है। श्रावण का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता है। भोले भंडारी को सावन का महीना प्रिय होने के पीछे एक कथा है, दरअसल सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। सावन के महीने में शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। पूरे सावन महीने के दौरान हर दिन शिवजी की पूजा-उपासना करने पर सभी तरह की मनोकामना जल्दी पूरी होती हैं। सावन के महीने में सोमवार व्रत, मासिक शिवरात्रि और कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है।

*सावन में कैसे करें शिव आराधना*

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में भोलेभंडारी की पूजा-उपासना और मंत्रोचार करने पर शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं। सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े धारण करें। इसके बाद अपने घर के पास स्थित शिव मंदिर जाकर भगवान शिव का गंगाजल, शुद्ध जल, दूध, दही, शहद और गन्ने के रस से अभिषेक करें। भोलेनाथ का अभिषेक करते हुए लगातार ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। फिर इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा और शमीपत्र आदि अर्पित करें। फल-पुष्य अर्पित करने के बाद शिव चालीसा का पाठ और शिव आरती करें। वहीं दूसरी तरफ सुहागिन महिलाएं सावन में आने वाले सोमवार का व्रत रखें और मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की चीजें अर्पित करते हुए अपनी पति और परिवार की लंबी आयु व सुख-समृद्धि की कामना करें। 

*सावन में कैसे करें शिव आराधना*

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में भोलेभंडारी की पूजा-उपासना और मंत्रोचार करने पर शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं। सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े धारण करें। इसके बाद अपने घर के पास स्थित शिव मंदिर जाकर भगवान शिव का गंगाजल, शुद्ध जल, दूध, दही, शहद और गन्ने के रस से अभिषेक करें। भोलेनाथ का अभिषेक करते हुए लगातार ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। फिर इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा और शमीपत्र आदि अर्पित करें।

*सावन के महीने में शिव जी को क्या चढ़ाएं*

भगवान शिव को सावन के महीने में उनकी सबसे प्रिय चीज बेलपत्र जरूर अर्पित किया जाता है। बेलपत्र भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय होता है। शास्त्रों में शिवलिंग पर बेलपत्र को चढ़ाने के बारे में कई नियम बताए गए हैं जिसे हर एक शिव भक्त को जरूर मालूम होना चाहिए। आइए जानते हैं शिवलिंग पर कैसे बेलपत्र चढ़ाना चाहिए।

TEAM VOICE OF PANIPAT

Related posts

फरीदाबाद-पानीपत नगर निगमों, पिहोवा व फरुखनगर नपा के लिए 11 करोड़ मंजूर

Voice of Panipat

पानीपत के SP ने स्कूल की छात्राओं से बंधवाई राखी

Voice of Panipat

HARYANA RODWAYS कर्मियों के लिए खुशखबरी, खरीदी जाएंगी नई बसें, होंगी कई मांगे पूरी

Voice of Panipat