वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- डेंगू लगातार कहर बरपा रहा है, पिछले दिनों के मुकाबले चाहे डेंगू के नए मामले कम हैं, मगर फिर भी 11 नए डेंगू के मरीज स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ा रहे हैं। 11 नए डेंगू के मरीज मिलने के बाद जिले में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 377 पहुंच गया है।
अस्पतालों में नए मरीजों के आने का क्रम जारी है। स्वास्थ्य विभाग के लिए कई बार स्थिति संभाल पाना मुश्किल हो रहा है। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दिनों स्वास्थ्य अधिकारियों की छुट्टियां रद्द करने का फरमान जारी किया गया था। अस्पतालों के वार्डों की बात करें तो अभी भी जिले भर के सभी अस्पतालों के अधिकतर बेड भरे ही दिखाई दे रहे हैं। मगर, इतनी राहत है कि एक-एक बेड पर दो-दो मरीजों को उपचार नहीं दिया जा रहा है और स्ट्रेचर व व्हील चेयर पर उपचार देने की स्थिति नहीं आई है। बता दें कि पिछले दिनों सीएमओ कुलदीप सिंह ने सभी अस्पताल के प्रमुखों को निर्देश दिए थे कि जिन मरीजों की स्थिति में सुधार आता है उसे तुरंत प्रभाव से छुट्टी कर घर भेज दिया जाए। इसके बाद से अस्पताल में मरीजों की स्थिति में थोड़ा सुधार है।
मुलाना के पास स्थित महुआखेड़ी से आए रामप्रवेश ने बताया कि उसे पिछले पांच दिनों से बुखार है। जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वह अस्पताल पहुंचा। जहां पर उपचार जारी है। यमुनानगर से आए हुकुम सिंह ने बताया कि पिछले चार दिन से बुखार है, बुखार तो ज्यादा नहीं था, मगर, प्लेटलेट्स बहुत ज्यादा कम थे। नर्स पिछले दिनों सैंपल लेकर गई थी, मगर अभी तक रिपोर्ट नहीं दी है कि डेंगू है कि नहीं है।
मटेड़ी जट्टां से आई पूनम ने बताया कि उसे पिछले पांच दिनों से बुखार है। स्थिति दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। डॉक्टर अपनी ओर से प्रयास कर रहे हैं, मगर स्थिति ज्यादा खराब है। उम्मीद है कि स्थिति में जल्द ही सुधार होगा। सिरसगढ़ से आए प्रदीप ने बताया कि उन्हें पिछले तीन दिन से तेज बुखार है। पहले अपने स्तर पर दवाई ली। मगर, जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो अस्पताल में आए हैं। जहां उपचार चल रहा है। बंधुनगर की छह वर्षीय बच्ची ममता ने बताया कि उसे पिछले छह दिन से बुखार है। पांच दिन से अस्पताल में ही उपचार चल रहा है, मगर स्थिति में सुधार नहीं आया है। देखते हैं कि कब तक सेहत में सुधार आता है। अस्पतालों को जो निर्देश दिए गए थे वह उनका पालन कर रहे हैं। जो मरीज ठीक हो सकते हैं उन्हें घर भेज दिया जा रहा है।ताकि अस्पताल में स्थिति ज्यादा न बिगड़े।
TEAM VOICE OF PANIPAT