वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह)- पानीपत के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब सीपीसीबी ने एक नोटिस जारी किया है। इस प्रदूष्ण स्तर पर लगाम लगाने के लिए एनजीटी ने सितंबर 2020 में रेड जोन में आने वाली 387 इंडस्ट्रीज को चिह्नित कर पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) लगाने के लिए चिह्नित किया था। साथ ही केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) को आदेश दिए थे। इसके बावजूद अभी तक पानीपत की सिर्फ 24 इंडस्ट्रीज ने बॉयलर को पीएनजी में शिफ्ट किया है।
सीपीसीबी ने यह आंकड़ा जारी करते हुए बाकी की इंडस्ट्रीज को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। दीपावली पर पानीपत की हवा इतनी जहरीली हो जाती है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 800 पॉइंट तक पहुंच जाता है। इसके साथ ही पानीपत प्रदूषण के मामले में देश में 11वें स्थान पर है। पूरे साल पानीपत की हवा मानक से तीन गुना तक प्रदूषित रहती है। एनसीआर में शामिल होने के कारण एनजीटी की नजर हमेशा पानीपत पर रहती है। इसलिए विभाग ने डाइंग इंडस्ट्रीज में ऑनलाइन मोनिटरिंग सिस्टम लगाए। इसके बाद भी प्रदूषण स्तर काबू में नहीं आ पा रहा है।
एनजीटी ने दिसंबर 2018 से 1200 डाइंग इंडस्ट्रीज के बॉयलर को पीएनजी में शिफ्ट करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन पीएनजी के महंगा पड़ने के कारण उद्यमियो ने सब्सिडी की मांग की थी। पीएनजी का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं होने के कारण एनजीटी ने समय सीमा बढ़कर 30 अक्टूबर 2019 की। उद्यमियों की मांग पर सरकार ने मामले में हस्तक्षेप किया और एनजीटी ने उद्यमियों को सप्लाई लेने के लिए सितंबर 2020 तक का समय दे दिया। इसके साथ ही सिर्फ रेड कैटेगरी में आने वाली 387 इंडस्ट्रीज के लिए ही जरूरी किया।
TEAM VOICE OF PANIPAT