वायस ऑफ पानीपत(कुलवन्त सिंह)- कृषि कानूनों के विरोध में बीते 9 महीने से किसान सड़कों पर हैं। हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर धरना चल रहा है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब के साथ देशभर के किसान धरने में शामिल हैं। दिल्ली NCR में औद्योगिक गतिविधियां बंद हैं। किसान आंदोलन के कारण पानीपत के दो टोल प्लाजा पर कार्यरत 196 कर्मचारियों की नौकरी चली गई है। कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने 26 दिसंबर 2020 को टोल फ्री करा दिए थे। जिस कारण लोगों की नौकरी पर बन गई है। रोहतक के मकड़ौली टोल प्लाजा का तो बिजली कनेक्शन भी काटा जा चुका है। कंपनी ने दो बार टोल शुरू करने का प्रयास किया, लेकिन किसानों के विरोध के चलते शुरू नहीं कर पाए।
पानीपत की बात करें तो यहां दो टोल प्लाजा हैं। एक दिल्ली-करनाल हाईवे और एक रोहतक हाईवे पर स्थित है। दिल्ली-करनाल हाईवे स्थित L&T टोल प्लाजा के मैनेजर योगेश ने बताया कि किसान आंदोलन और टोल फ्री होने के बाद से 106 लोगों को नौकरी से निकाला जा चुका है। फिलहाल करीब 250 लोगों का स्टाफ टोल प्लाजा पर काम कर रहा है। यही स्थिति रही तो बाकी स्टाफ भी कम हो सकता है। डाहर टोल प्लाजा के मैनेजर आजाद ने बताया कि यहां से 90 लोगों को नौकरी से हटाया गया है। टोल फ्री होने के कारण लोगों की नौकरी तो गई है। देखभाल के अभाव में टोल की प्रॉपर्टी को भी नुकासान हो रहा है।
TEAM VOICE OF PANIPAT