वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- कोरोना काल को अवसर में बदलने वाले निजी अस्पताल और लैब संचालकों पर शिकंजा कसने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। निजी अस्पतालों और लैब संचालकों द्वारा इलाज व टेस्टिंग के मनमाने दाम वसूलने की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने रेट तय किए थे। इसके बाद भी निजी अस्पताल और लैब संचालक बाज नहीं आए। जिला प्रशासन ने कमेटी गठित करके अब तक कोरोना का इलाज कराने वाले सभी मरीजाें के बिलों की जांच करने का निर्णय लिया है। जांच में तय रेट से अधिक कीमत वसूलने वाले निजी अस्पताल और लैब संचालकों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियमित व संबंधित धाराओं में केस दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
DC धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना मरीजों के इलाज, प्रतिदिन के बेड व संबंधित टेस्ट कराने को लेकर रेट तय किए गए थे। इसके बाद भी कुछ निजी अस्पताल व लैब द्वारा अधिक रेट वसूलने की शिकायत मिली है।जिसके बाद प्रशासन ने निजी अस्पतालों में इलाज और लैब में टेस्ट कराने वाले मरीजों के बिलों की जांच कराने का निर्णय लिया है। सभी निजी अस्पताल और लैब के पास कोरोना मरीजों का रिकॉर्ड उपलब्ध है। यह रिकॉर्ड मेंटेन करने के बाद मरीजों के बिलों की जांच की जाएगी।
पानीपत के डीसी धर्मेंद्र सिंह
DC धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि इस जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है। ITI प्रिंसिपल कृष्ण कुमार को कमेटी का कार्यकारी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। इनके अलावा उप सिविल सर्जन डॉ. नवीन सुनेजा, DSO डॉ. सुनील संदुजा, NO डॉ. अमित मुहाल और SMO डॉ. श्यामलाल को बतौर मेडिकल ऑफिसर तैनात किया गया है। तय किए गए रेट से अधिक वसूल करने की पुष्टी होने पर संबंधित अस्पताल और लैब संचालक के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम व अन्य धाराओं में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
TEAM VOICE OF PANIPAT