वायस आफॅ पानीपत (कुलवन्त सिंह)- कोरोना के शुरुआती दौर से ही देश में तमाम गतिविधियां बंद थी। लेकिन समय के साथ -साथ सब कुछ खोल दिया गया। लेकिन अभी भी स्कूल खुलने को लेकर छात्र इतजार कर रहे हैं। हालांकि छात्रो की सुरक्षा को लेकर ही स्कूल कॉलेज बंद रखें गए थे। और सरकार की तरफ से ये कहा गया था कि हालात सामान्य होने पर ही स्कूल खोले जाएंगे। क्योंकि मार्च से लाकॅडाउन के बाद एक बार भी स्कूलों को नही खोला गया हैं। जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई का भारी नुकसान हुआ। लेकिन अब जब रिकवरी रेट मे लगातार इजाफा हो रहा हैं, तो सरकार भी स्कूल खोलने को लेकर अपनी रुचि दिखा रही हैं। करीब साढ़े पांच महीने से बंद पड़े स्कूलों को अक्टुबर से खोलने की तैयारी मे सरकार जुट गई है। बता दे कि जहां अनलॉक 4 की गाइडलाइन के अनुसार 21 सितम्बर से जहाँ शिक्षकों से परामर्श लेने के लिए छात्र स्कूल आ सकेंगे, तो वही केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने पर अगले महीने से 9वीं से 12वीं तक कक्षाएं भी शुरू जो जाएगी। हालांकि स्कूल आने से पहले सभी बच्चों को अभिभावकों से लिखित मे मंजूरी लेना अनिवार्य रहेगा।
हालांकि ट्रायल के तौर पर सरकार द्वारा प्रदेश के दो स्कूलों सोनीपत के बजिदपुर स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल और करनाल के निगदू स्थित सीनियर सेकंडरी स्कूल से कक्षाएं लगाने की शुरुआत की गई हैं। सोमवार को बजिदपुर मे पहले दिन दसवीं के बच्चों को स्कूल बुलाया गया था। हालांकि कुल 63 बच्चों मे से 18 बच्चे ही स्कूल मे पहुंचे। मंगलवार को भी ऐसे ही स्थिति रही। इस दौरान नियमों का भी ध्यान रखा गया। सभी छात्रों और शिक्षकों की थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के बाद ही स्कूल मे प्रवेश दिया गया। शारिरिक दूरी और मास्क के बारे मे बताते हुए बाकायदा वीडियोग्राफी कराई गई । इसकी मदद से दूसरे स्कूलों के स्टॉफ को भी प्रशिक्षित किया जाएगा कि कैसे कमरे मे एक बार मे केवल 15 बच्चे बैठाए जाने हैं। वीडियो को एजूसेट के जरिये प्रसारण करके प्रत्येक बच्चे औऱ स्कूल तक पहुँचाया जाएगा। स्कूल खुलने पर शुरुवाती दौर मे सिर्फ 4 घंटे ही कक्षाएँ लगाकर हिंदी अंग्रेज़ी गणित और विज्ञान की पढ़ाई कराई जाएगी। जबकि अन्य विषयों की कक्षाएं ऑनलाइन चलती रहेगी। सरकार ने सभी शहर और गांव मे स्कूल प्रबंधन समिति की बैठकें करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि 60 फीसद अभिभावकों की सहमति के बाद ही स्कूल खोले जाएंगे।
TEAM VOICE OF PANIPAT