27.4 C
Panipat
July 30, 2025
Voice Of Panipat
Uncategorized

स्वतंत्रता दिवस पर जानें राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से जुड़ीं ये कुछ खास बातें

वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- जब देश की बात आती है तो सब कुछ भूलकर पूरा देश राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के तीन रंगों में रंग जाता है। हर कोई तिरंगे पर गर्व करता दिखता है। भारत का राष्ट्रीय ध्वज जिसे ‘तिरंगा’ भी कहा जाता है।

हम सब जानते हैं कि तिरंगा तीन रंगों से मिलकर बना है। इसमें केसरिया, सफेद और हरा रंग है। आपको जानकर हैरानी होगी कि वर्तमान में जो राष्ट्रीय ध्वज है उससे पहले भी कई राष्ट्र ध्वज बन चुके हैं। साल 1921 में पिंगली वेंकय्या ने केसरिया और हरा झंडा सामने रखा था। फिर जालंधर के लाला हंसराज ने इसमें चर्खा जोड़ा और गांधीजी ने सफेद पट्टी जोड़ने का सुझाव दिया था। 1947 में राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में एक कमिटि का गठन राष्ट्रीय झंडा तय करने के लिए हुआ। कमिटि ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को ही राष्ट्रीय झंडा स्वीकार कर लिया। हालांकि इसमें कुछ बदलाव भी किए गए। 1931 के इस झंडे के बीच में चरखे की जगह चक्र रखा गया, जो आज भी वही है।

झंडे का निर्माण- ब्यूरो ऑफ इंडियन स्डैंडर्ड्स (बीआईएस) ने झंडे के निर्माण के कुछ मानक तय कर रखे हैं। इसके तहत कपड़े, डाई, कलर, धागे, फहराने के तरीके आदि सभी कुछ बताए गए हैं। भारतीय झंडे सिर्फ खादी के ही बनाए जाते हैं। इसमें दो तरह के खादी के कपड़ों का उपयोग किया जाता है।

तिरंगे से जुड़े कोड ऑफ कंडक्ट भी हैं। झंडा राष्ट्रीय प्रतीक होता है। सामान्य लोग झंडे का उचित तरीके से उपयोग करें, इसके लिए ही कुछ कोड ऑफ कंडक्ट बनाए गए हैं।

1.  झंडे का प्रयोग व्यावसायिक उद्येश्यों के लिए नही किया जायेगा.

2. किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए झंडे को नही झुकाया जायेगा.

3. यदि सरकारी आदेश नही हो तो झंडे को आधा झुकाकर नही फहराया जायेगा.

4. झंडे का प्रयोग किसी वर्दी या पोशाक में नही किया जायेगा, ना ही झंडे को रुमाल, तकियों या किसी अन्य ड्रेस पर मुद्रित किया जायेगा.

5.  झंडे के केसरिया रंग को जानबूझकर नीचे की तरफ करके नही फहराया जायेगा

6. झंडे का प्रयोग किसी भवन में पर्दा लगाने के लिए नही किया जायेगा.

7. किसी भी प्रकार का विज्ञापन/अधिसूचना/अभिलेख ध्वज पर नहीं लिखा जाना चाहिए.

8. झंडे को वाहन, रेलगाड़ी, नाव, वायुयान की छत इत्यादि को ढ़कने के काम में इस्तेमाल नही किया जायेगा.

झंडे के तीन रंगों के अलग-अलग महत्व और मतलब हैं। केसरिया साहस और त्याग का प्रतीक है, वहीं सफेद रंग ईमानदारी, शांति और शुद्धता का प्रतीक है। इसी तरह हरा रंग विश्वास, शौर्य और जीवन का प्रतीक है।

TEAM VOICE OF PANIPAT

Related posts

How To Technology In 10 Minutes And Still Look Your Best

Voice of Panipat

प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का अमेरिका के न्यू जर्सी में हुआ निधन

Voice of Panipat

सुप्रीम कोर्ट ने NEET-JEE परीक्षा कराने को दी हरी झंडी, कहा- साल बर्बाद नहीं कर सकते

Voice of Panipat