पहले चरण में 100 जिलों में खुलेंगे सेंटर। चैंपियन खिलाड़ी भी अपनी एकेडमी खोल सकते है या फिर सेंटर में कोचिंग दे सकते है। जमीनी स्तर से खेल प्रतिभाएं तलाशने के लिए और चैम्पियन खिलाडियों की आय का सोर्स निश्चित करने के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण ने एक हजार खेलो इंडिया सेंटर खोलने का फैसला किया है। हर साल 300 सेंटर खोले जाएगे। इन सेंटर का संचालन पूर्व चैम्पियन खिलाड़ी या एनआईएस कोच करेंगे।
सेंटर खोलने वाले खिलाड़ियों को 10 लाख रुपए दिए जाएगे। 5 लाख सेंटर खोलने के लिए और 5 लाख अगले 4 सालो के लिए दिए इनका इस्तेमाल सेंटर के रख रखाव और अन्य उपकरणों के लिए किया जाएगा। सेंटर के कोच जरूरत पड़ने पर 3 लाख सैलरी तक के असिस्टेंट कोच नियुक्त कर सकता है। सेंटर संचालक नए खिलाड़ियों से न्यूनतम फीस भी ले सकता है।
इन सेंटर में केवल ओलंपिक में खेले जाने वाले खेलो कि ही ट्रेनिंग दी जाएगी। एक सेंटर में केवल एक ही खेल की ट्रेनिंग मिले गी। जो संस्थाएं पांच सालों से इस क्षेत्र में काम कर रही है वहीं तीन खेलो का प्रस्ताव दे सकती है। इन सेंटर में तीरांदाजी, एथलेटिक्स,बॉक्सिंग, बैडमिंटन, साइकिलिंग,फेंसिंग,हॉकी,जूडो,रोइंग,शूटिंग, स्वीमिंग, टेबल टेनिस, वेटलिफ्टिंग,कुश्ती फुटबॉल इन 15 ओलंपिक खेलो की ट्रेनिंग दी जाएगी।