वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)
साल 2020 कोरोना महामारी के कारण काफी भयावह बीता,तो वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हरियाणा में भले ही मौजूदा शैक्षिक सत्र में स्कूल-कालेजों में पढ़ाई प्रभावित हुई, वहीं महामारी ने शिक्षा क्षेत्र में बदलाव का आधार तैयार कर दिया है। अब नए सत्र में स्कूल-कालेजों में नियमित कक्षाओं के साथ ही डिजिटल पढ़ाई पर काम ज्यादा होगा। स्मार्ट कक्षाओं में नई शिक्षा नीति के अनुसार पढ़ाई का पैटर्न भी बदला नजर आएगा। प्रदेश सरकार का फोकस विशेषकर गरीब छात्रों पर है।
विद्यार्थियों को वित्तीय मदद के लिए सरकारी स्तर पर चिकित्सा एवं तकनीकी कोर्सों सहित उच्चतर शिक्षा के लिए बैंकों से सस्ते ब्याज पर लोन भी उपलब्ध कराया जाएगा। हरियाणा जमा धन प्रत्याभूति योजना के तहत प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को क्रेडिट गारंटी स्कीम के जरिये सिर्फ 7.5 फीसद सालाना ब्याज पर ऋण मिलेगा। यह पूरे देश में सबसे कम है। इस ऋण पर सरकार गारंटी देगी और विद्यार्थियों द्वारा लोन का भुगतान नहीं कर पाने की स्थिति में क्रेडिट गारंटी निधि से बैंकों को भुगतान किया जाएगा।
इस कड़ी में लगभग 320 करोड़ रुपये के टैब 8.13 लाख विद्यार्थियों को दिए जाएंगे। इन टैब में डिजिटल पुस्तकों के साथ-साथ अलग-अलग तरह के टेस्ट, वीडियो और अन्य सामग्री भी रहेगी जो पाठयक्रम के अनुसार होगी। इससे विद्यार्थियों को घर बैठे विभिन्न प्रकार के विषयों की पढ़ाई करने में आसानी रहेगी। हालांकि, इनमें वही साइट खोली जा सकेंगी जो शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत होंगी। ‘अवसर एप’ के जरिये शिक्षक को पता होगा कि बच्चों ने टैब का सप्ताह में कितने घंटे प्रयोग किया और कितने कंटेंट देखे।
शिक्षा विभाग ने ई-ग्रंथ कोष तैयार किया है जिसके जरिये ई-पुस्तकें, वीडियो, आडियो, ई-जर्नल के लिंक, दिव्यांगजन कार्नर और सुगम लाइब्रेरी के माध्यम से सार्वजनिक डोमेन उपलब्ध कराए जाएंगे । ब्रिटिश काउंसिल आफ इंडिया और अमेजन, किंडल जैसे मंचों के साथ मिलकर ई-प्लेटफार्म तैयार किया गया है। इससे करीब छह करोड़ ई-बुक्स, तीन लाख वीडियो और आडियो, दस लाख पत्रिकाएं, 23 हजार पावर क्रम सामग्री, छह हजार ई-पत्रिकाएं और 55 ई-समाचार पत्र मिल सकते हैं।
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