September 13, 2025
Voice Of Panipat
Big Breaking NewsHaryanaHaryana NewsIndia NewsLatest NewsPanipatPANIPAT NEWS

बिना सिम और इंटरनेट के फोन में लाइव देख सकेंगे TV चैनल, ऐसे काम करेगी D2M टेक्नोलॉजी

वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- देश की केंद्र सरकार सरकार एक खास टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है.. इस टेक्नोलॉजी के साथ फोन पर लाइव टीवी चैनल देखने के लिए सिम और इंटरनेट की जरूरत खत्म हो जाएगी.. इस टेक्नोलॉजी को डी टू एम यानी डायरेक्ट टू मोबाइल (Direct-To-Mobile Technology) नाम दिया गया है.. इस होम-ग्राोन टेक्नोलॉजी के ट्रायल बहुत जल्द 19 शहरों में शुरू होने जा रहे हैं। बीते साल पायलेट प्रोजेक्ट के साथ डायरेक्ट टू मोबाइल टेक्नोलॉजी को बेंगलुरू, कर्तव्य पथ और नोएडा में टेस्ट किया गया था। अब सवाल आता है कि डायरेक्ट टू मोबाइल टेक्नोलॉजी क्या है और कैसे काम करती है। इस आर्टिकल में इस टेक्नोलॉजी से जुड़ी इन दोनों ही बातों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं-

इस होम-ग्राोन टेक्नोलॉजी के ट्रायल बहुत जल्द 19 शहरों में शुरू होने जा रहे हैं। बीते साल पायलेट प्रोजेक्ट के साथ डायरेक्ट टू मोबाइल टेक्नोलॉजी को बेंगलुरू, कर्तव्य पथ और नोएडा में टेस्ट किया गया था। अब सवाल आता है कि डायरेक्ट टू मोबाइल टेक्नोलॉजी क्या है और कैसे काम करती है। इस आर्टिकल में इस टेक्नोलॉजी से जुड़ी इन दोनों ही बातों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं-

*D2M टेक्नोलॉजी होती है जानिए*

इस टेक्नोलॉजी के साथ स्मार्टफोन यूजर्स को उनके डिवाइस पर मल्टीमीडिया कंटेंट ट्रांसमिट किया जाता है। लाइव टीवी के लिए टेक्नोलॉजी के साथ इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं होती है। मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन ने इस टेक्नोलॉजी के फीचर्स के बारे में जानकारी देते हुए साफ किया है कि यह टेक्नोलॉजी कंटेंट डिलिवरी, हाइब्रिड ब्रॉडकास्ट, रियल टाइम और ऑन-डिमांड कंटेंट और इंरेक्टिव सर्विस से लैस है। शुरुआती में इस टेक्नोलॉजी को खास कर इमरजेंसी अलर्ट और आपदा प्रबंधन के लिए लाया गया था। सरकार का कहना है कि इस टेक्नोलॉजी के साथ किसी भी तरह की सूचना को मोबाइल फोन में डायरेक्ट भेजा जा सकता है। इसके लिए नेटवर्क बैंडविड्थ स्ट्रैनिंग की जरूरत भी खत्म हो जाती है। डी टू एम टेक्नोलॉजी से 5जी नेटवर्क की रुकावट दूर हो जाएगी।

*जानिए D2M टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है*

D2M टेक्नोलॉजी एफएम रेडियो की टेक्नोलॉजी की तरह ही काम करती है। जहां रिसीवर को ट्रांसमिटेड सिग्नल मिलता है। यह टेक्नोलॉजी डी टू एच टेक्नोलॉजी जैसी भी है, जिसमें डिश एंटेना ब्रॉडकास्ट सिग्नल को सैटेलाइट से डायरेक्ट रिसीव करता है। इसके बाद इसे रिसीवर को ट्रांसमिट करता है, जिसे सेट-टॉप बॉक्स कहा जाता है। साल 2022 में आईआईटी कानपुर ने डी2एम ब्रॉडकास्ट 5जी ब्रॉडबैंड कन्वर्जेंस रोडमैप फॉर इंडिया नाम से एक पेपर पब्लिश किया था। इस पेपर में दी गई जानकारी के मुताबिक डी2एम टेक्नोलॉजी को वर्तमान में मौजूद मोबालइ डिवाइस सपोर्ट नहीं करते हैं। ऐसे में मौजूदा डिवाइस को कम्पैटिबल बनाने के लिए अलग से बेसबैंड प्रोसेसिंग यूनिट की जरूरत होगी। इसके साथ ही एंटेना, लो वॉइस नॉइस एम्प्लिफायर, बेसबैंड फिल्टर और रिसीवर की जरूरत रहेगी।

TEAM VOICE OF PANIPAT

Related posts

पानी कम पीने से सेहत को होते हैं कई नुकसान, पढ़िए जानकारी

Voice of Panipat

घर में घुसकर मारपीट करने के मामले में 4 आरोपी गिरफ्तार

Voice of Panipat

HARYANA पिछड़ा वर्ग वेंचर कैपिटल फंड शुरू होगा

Voice of Panipat